आगरा और मथुरा के दौरे पर आए आरएसएस के अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख शंकर लाल का मानना है कि गाय के गोबर से मोबाइल का रेडिएशन रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल पर गोबर लगा देने से उसके रेडिशन का प्रभाव नहीं पड़ता है।
आरएसएस के सहयोगी संगठन द्वारा असम की 31 आदिवासी लड़कियों को गुजरात और पंजाब में भगवा शिक्षा दिलावाने का मुद्दा गरम हो रहा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि क्या इसी तरह ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का लक्ष्य पूरा करेंगे?
सुपरिचित कथाकार। बाल साहित्य पर भी बहुत काम और बच्चों के लिए कई कहानी पुस्तकें प्रकाशित। मोबाइल, लड़की जो देखती पलटकर, नेम प्लेट चर्चित कहानी संग्रह। कई पुरस्कार एवं सम्मान। अखबारों में सामयिक मुद्दों पर लगातार लेखन।
आरएसएस के सहयोगी संगठन असम की 31 आदिवासी लड़कियों को गुजरात और पंजाब में भगवा शिक्षा दिला रहे हैं। देश के कानून को धता बताते हुए असम के सीमावर्ती पांच जिलों से आदिवासी माता-पिता को बहला-फुसलाकर उनसे उनकी बेटियों को दूर कर दिया गया है। गुजरात और पंजाब में उन्हें हिंदूू जीवन प्रणाली अपनाने पर मजबूर किया जा रहा है।
सबको शिक्षा का अधिकार की मुहिम को गाजियाबाद में करारा झटका लगा है। यहां एक छात्रा ने इसलिए फांसी लगा खुदकुशी कर ली क्योंकि उसके माता-पिता स्कूल की फीस नहीं चुका पा रहे थे। फीस लेने उसके घर पहुंची शिक्षिकाओं के दुर्व्यवहार और पिता की पिटाई से दुखी होकर नौंवी कक्षा की छात्रा ने अपना जीवन ही खतम कर दिया।
देश में पिछले दो सालों में खाने पीने की चीजों के दामों में बेेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। लोग इसका रोना भी रो रहे हैं। लेकिन रोजमर्रा के उपयोग की इन वस्तुओं के दामों में कोई कमी नहीं आई। इन सबके बीच शिक्षा पर भी महंगाई की मार पड़ी है। पिछले दो सालोंं में स्कूलों की फीस और शिक्षण सामग्री भी महंगी हुई है।
घाटी में जारी हिंसा और तनाव के हालात के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्कूल और कॉलेजों की छुट्टियां एक सप्ताह और बढ़ा दी है। वहीं स्थानीय अखबारों के दफ्तरों पर पुलिस कार्वाई के विरोध में रविवार को भी कोई अखबार नहीं छपा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर केंद्र और दिल्ली के बीच के संबंध को भारत-पाकिस्तान जैसे हालात में पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर रूकावटें पैदा नहीं की गई होतीं तो उनकी सरकार ने दिल्ली में जितनी उपलब्धियां हासिल की हैं उससे चार गुना ज्यादा उपलब्धियां होतीं।
अब समय आ गया है कि इस्लाम के ऐसे विचार और उनके अनुसरण को रोका जाए, जो धर्म के नाम पर हिंसा और मारकाट को बढ़ावा दे रहे हैं। कटटरपंथी बनने की बजाए मुस्लिम युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए ताकि उनके मन में एक अच्छे और उदार मुस्लिम बनने की भावना पैदा हो। यह काम अभिभावक, शिक्षक और मुस्लिम विद़वान मिल-जुलकर कर सकते हैं। मुस्लिम अभिभावक अपने बच्चों के मानसिक विकास पर ध्यान दें।