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इस बार अच्छी पैदावार, जमाखोर अपनी दाल निकालें वरना घाटे में रहेंगे: पासवान

इस बार अच्छी पैदावार, जमाखोर अपनी दाल निकालें वरना घाटे में रहेंगे: पासवान

देश में अरहर दाल की इस बार भरपूर पैदावार होने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि जो जमाखोर अरहर की दाल इस लालच में जमा किए हुए हैं कि एक बार फिर अरहर के दाम बढ़ेंगे तो वह इस मुगालते में न रहें और अपनी दाल बाजार में निकाल दें, क्योंकि फसल अच्छी होने के कारण इस बार उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है।
मधुमेह, अस्थमा और बीपी के मरीज भी कर सकते हैं नेत्रदान

मधुमेह, अस्थमा और बीपी के मरीज भी कर सकते हैं नेत्रदान

देश में इस समय लाखों लोग नेत्रदान के जरिए आंखों की रोशनी पाने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कई प्रकार की भ्रांतियों के चलते आज भी लोग उतनी संख्या में नेत्रदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं जितनी जरूरत है। सच्चाई यह है कि मधुमेह, अस्थमा और ब्लड प्रेशर के मरीज भी आसानी से नेत्रदान कर सकते हैं।
लोढ़ा कमेटी की टिप्‍पणी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पोस्टमैन जैसा

लोढ़ा कमेटी की टिप्‍पणी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पोस्टमैन जैसा

देशभर में 35 नए मेडिकल कॉलेजों में पांच हजार से ज्यादा नई एमबीबीएस सीटों को मान्यता देने वाली सुप्रीम कोर्ट की हाई पॉवर कमेटी ने केंद्र सरकार और एमसीआई पर कई गंभीर टिप्पणियां की हैं। पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा, पूर्व सीएजी प्रमुख विनोद राय और एमसीआई के पूर्व चेयरमैन डाॅ. एसके सरीन की कमेटी ने अपने आदेश में कहा है कि देशहित से जुड़े इस अहम मुद्दे पर जहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पोस्टमैन जैसा काम कर रहा था, वहीं एमसीआई दोहरा,कुंठित और अड़ियल रवैया अपना रही थी। मजबूरन हमें ही कॉलेजों का पक्ष जांच कर मान्यता देने या नहीं देने का निर्णय लेना पड़ा।
आसाराम को अंतरिम जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, मेडिकल बोर्ड गठित किया

आसाराम को अंतरिम जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, मेडिकल बोर्ड गठित किया

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को बलात्कार के एक मामले में आसाराम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही अदालत ने एम्स को एक मेडिकल बोर्ड गठित कर उनकी स्वास्थ्य स्थिति पता करने को कहा।
सावधान : 57 % डॉक्‍टर बिना मेडिकल क्वालिफिकेशन के कर रहे आपका ईलाज

सावधान : 57 % डॉक्‍टर बिना मेडिकल क्वालिफिकेशन के कर रहे आपका ईलाज

विदेशों में शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य को जीवन का सबसे महत्‍वपूर्ण पहलू माना जाता है। लेकिन इससे उलट हमारे देश में इन दोनों क्षेत्रों पर घोर लापरवाही की जाती है। इसका एक सटीक उदाहरण विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की एक रिपोर्ट में आपको मिल सकता है।
अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन 0.8 फीसदी गिरा

अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन 0.8 फीसदी गिरा

विनिर्माण तथा पूंजी वस्तु उत्पादन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन अप्रैल माह में एक साल पहले की तुलना में 0.8 प्रतिशत घट गया। औद्योगिक उत्पादन में तीन महीने में यह पहली गिरावट है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है। औद्योगिकी उत्पादन सूचकांक :आईआईपी: के संदर्भ में मापा जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में पिछले वर्ष अप्रैल में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी।
मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

वे मानव शरीर को ‘मंदिर’ मानते थे। मंदिर की तरह ही अपने शरीर की उन्होंने देखभाल की। 104 साल की उम्र पाई। यहां बात देश के पहले मिस्टर यूनिवर्स मनोहर आइच की हो रही है। रविवार को उनका निधन हो गया। वे अपने ‘मंदिर’ को मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर गए। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उनका ‘मंदिर’ यानी शरीर मेडिकल के विद्यार्थियों के रिसर्च के काम आएगा।
पाक की बेटी हमारे यहां बनेगी डॉक्‍टर, सुषमा ने दिलाई मेडिकल सीट

पाक की बेटी हमारे यहां बनेगी डॉक्‍टर, सुषमा ने दिलाई मेडिकल सीट

पाकिस्‍तान की बेटी मशाल माहेश्‍वरी को कर्नाटक में एक मेडिकल सीट ऑफर की गई है। इस तरह उसका डाॅॅक्‍टर बनने का सपना पूरा हो जाएगा। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज के हस्‍तक्षेप के बाद उसे यह सीट ऑफर की गई है। मशाल ने जयपुर में रहते हुए अभी सीबीएसई से अभी हाल ही में 12 वीं की परीक्षा 91 फीसदी अंक के साथ पास की है। निसंदेह यह प्रतिभा अब अमन चैन के साथ डॉक्‍टरी कैरियर को एक नया परवान देगी।
मेडिकल जांच के लिए अस्पतालों का चक्कर लगाती रही मूक-बधिर बलात्कार पीड़िता

मेडिकल जांच के लिए अस्पतालों का चक्कर लगाती रही मूक-बधिर बलात्कार पीड़िता

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में कुछ दिनों पहले कथित रूप से बलात्कार की शिकार हुई एक मूक-बधिर महिला का पिछले छह दिनों में डाक्टरी परीक्षण केवल इसलिए नहीं किया जा सका क्योंकि सरकारी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं थी।
लापरवाही: ऑक्सीजन की जगह दी बेहोशी की गैस, एक बच्चे की मौत, दूसरा गंभीर

लापरवाही: ऑक्सीजन की जगह दी बेहोशी की गैस, एक बच्चे की मौत, दूसरा गंभीर

मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई जबकि एक छोटा बच्चा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है।
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