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Search Result : "Madan Sahni"

सिलेक्टर्स को 15-15 लाख रुपये देने पर भड़के पूर्व क्रिकेटर मदनलाल

सिलेक्टर्स को 15-15 लाख रुपये देने पर भड़के पूर्व क्रिकेटर मदनलाल

मदनलाल ने ट्विटर पर लिखा, "यह पढ़कर हैरान हूं कि चयनकर्ताओं को सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन करने के लिए 15-15 लाख रुपए दिए जाएंगे। उन्हें खराब नहीं सर्वश्रेष्ठ टीम का ही चयन करना होता है।
सारधा घोटाले के आरोपी मदन मित्रा को जमानत

सारधा घोटाले के आरोपी मदन मित्रा को जमानत

सारदा घोटाले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के नेता मदन मित्रा को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया है। 21 महीने से भी अधिक समय बाद शनिवार की सुबह सलाखों से बाहर आए तृणमूल कांग्रेस नेता मदन मित्रा ने कहा कि वह फिलहाल आराम करना चाहते हैं, लेकिन वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशों का पालन करेंगे।
मदन कश्यप को केदार सम्मान

मदन कश्यप को केदार सम्मान

सन 2015 के लिए समकालीन हिन्दी कविता का चर्चित केदार सम्मान इस साल वरिष्ठ कवि मदन कश्यप को दिया गया। प्रख्यात आलोचक प्रो. मैनेजर पाण्डेय ने कहा, मदन कश्यप मूलगामी काव्य दृष्टि के कवि हैं। मूलगामी दृष्टि वह है जो अपने समय के मनुष्य और समाज के भाव-कुभाव और स्वाभाव को जानती हो, दोनों के छल-छद्म, आतंक और क्रूरता को पहचानती हो और उन सबसे मुक्ति की राह बनाती हो।
डेबिट, क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अधिभार के खिलाफ न्यायालय में याचिका

डेबिट, क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अधिभार के खिलाफ न्यायालय में याचिका

देशभर में डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये किए जाने वाले लेनदेन पर लगाए जाने वाले अधिभार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
भीष्म साहनी का आज का अतीत

भीष्म साहनी का आज का अतीत

लोगों की पहचान, संस्कृति और राजनीति को आकार देने के पीछे न अनगिनत आंदोलनों और अभियानों का हाथ होता है। शायद अनगिनत, और भीष्म साहनी जैसी शख्सियत को गढ़ने में भी स्वतंत्रता आंदोलन, पूर्वाग्रहों और अज्ञानता से जंग के कई अभियान गुजरे होंगे इसलिए उनका जीवन और उनके संस्मरण आज के दौर के लिए प्रासंगिक हैं।
सीबीआई पहुंची अदालत, मित्रा पहुंचे अस्पताल

सीबीआई पहुंची अदालत, मित्रा पहुंचे अस्पताल

सारदा चिटफंड घोटाले के आरोपी एवं पश्चिम बंगाल के मंत्री मदन मित्रा की जमानत खारिज करवाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज जहां कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया वहीं मित्रा आज सुबह कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए।
भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

लेखक परिचय: 8 अगस्त 1915 में रावलपिंडी में जन्म। आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में एक। सन 1937 में लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने सन 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। विभाजन के बाद भारत आकर समाचार पत्रों में लिखा और भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से भी जुड़े। अंबाला और अमृतसर में अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में भी साहित्य के प्रोफेसर रहे। भाग्य-रेखा, पहला पाठ, भटकती राख, पटरियां, वाङचू, शोभायात्रा, निशाचर, पाली नाम से कहानी संग्रह के साथ झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मय्यादास की माड़ी, कुंतो, नीलू नीलिमा नीलोफर उपन्यास बहुत चर्चित रहे। इस साल उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सन 1975 में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और इसी वर्ष शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार) मिला। सन 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और 1998 में पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया।
मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।
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