कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समान विचारधारा वाली सपा जैसी पार्टियों के साथ चुनाव से पहले गठबंधन किए जाने की संभावना से आज इनकार नहीं किया। वहीं, इसकी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने युवा अखिलेश यादव के पक्ष में इस मुकाबले से हटने की पेशकश की है।
केंद्र के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में कभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली माकपा अपनी कमजोर पड़ती ताकत के साथ अब अपने पूर्व के बड़े कद की छाया मात्र रह गयी है और असहाय होकर भाजपा के खिलाफ अपनी भूमिका तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के हाथों में जाते देख रही है।
निर्वाचन आयोग ऐसे 200 से अधिक दलों के वित्तीय मामलों की जांच करने के लिए आयकर अधिकारियों को पत्र लिखने वाला है, जिन्हें उसने चुनाव न लड़ने के कारण सूची से बाहर किया है। आयोग ने बीते कुछ समय में ऐसे विभिन्न दलों की पहचान की है, जिन्होंने वर्ष 2005 से चुनाव नहीं लड़ा है। आयोग ने ऐसे 200 से अधिक दलों को सूची से बाहर किया है।
चुनाव आयोग ने चंदे के लिए महज कागजों में चलने वाले 200 राजनीतिक दलों की सूची तैयार की है। आयोग इन पर कार्रवाई करेगा। आयोग इनकी मान्यता रद्द करने की तैयारी में है। आयोग को संदेह है कि इन पार्टियों का इस्तेमाल मनी लॉन्डरिंग के लिए हो रहा है, इसलिए वह इनके बारे में जानकारी इनकम टैक्स विभाग को भी भेजेगा ताकि वह आगे की कार्रवाई कर सके।
ऑनलाइन खबरों पर देश के राजनीतिक दल अब गहरी नजर रखने लगे हैं। इसी के तहत आउटलुक हिंदी की दो खबरों पर फेसबुक के जरिए कार्रवाई की गई। आउटलुक हिंदी ने भाजपा और बाबा रामदेेव से संबंधित दो खबरें वेबसाइट पर डालने के बाद अपने फेसबुक के पन्ने पर शेयर की थीं। अचानक फेसबुक ने इन खबरों को हटा दिया।
देश में 1900 राजनैतिक दल हैं। इन पार्टियों में से करीब 400 पार्टियों ने कभी चुनाव नहीं लड़ा। इसका मीडिया में यही मतलब निकाला जा रहा है कि इन पार्टियों के गठन का लक्ष्य कहीं कालेधन को सफेद करना ही तो नहीं था। इस तस्वीर के बाद दार्शनिक अंदाज में यह भी कहा जा सकता है कि भारतीयों के जीवन में 'राजनीति' बहुत गहराई तक शामिल है।
नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में बृहस्पतिवार को भी गतिरोध कायम रहा तथा विपक्ष के हंगामे के बीच इस पर चर्चा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। हालांकि हंगामे के बीच लोकसभा में आम बजट से जुड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कर दिया गया।
पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में टोल प्लाजाओं पर सैनिकों की मौजूदगी पर तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने संसद में कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे एक साजिश करार दिया और इस मामले में राज्य की ममता बनर्जी सरकार को विश्वास में नहीं लेने का आरोप लगाया। हालांकि सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इसे तूल देना राजनीतिक हताशा का परिचायक है तथा इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को पूरी जानकारी थी।