युवा नेता जिग्नेश मेवाणी ने दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अावाज उठाने के लिए दलित संगठनाेें को अलवर से गुजरात तक यात्रा निकालने का सुझाव दिया है। देखना है वह खुद कब इस पर अमल करते हैं।
देशभर में एक ओर मोदी सरकार लाल बत्ती हटाकर वीआईपी कल्चर को खत्म कर रही है वहीं दूसरी तरफ उसके कुछ नेताओं की दादागिरी भी आए दिन सामने आ रही है। ताजा मामला सीतापुर के भाजपा विधायक का है। विधायक राकेश राठौर ने कुछ विलंब होने की वजह से टोल प्लाजा कर्मियों को चांटा रसीद कर दिया।
फिल्म निर्माता तिग्मांशु धूलिया क्रिकेट के बाहर अनजान और साहसी संघर्ष के लिए पहचाने गए एक दलित गेंदबाज बालू पालवणकर के जीवन पर फिल्म बनाने वाले हैं। यह फिल्म बाएं हाथ के स्पिनर बालू पालवणकर की कहानी बयां करेगी, जिन्होंने वर्ष 1900 की शुरुआत में हिंदू जिमखाना क्लब के लिए खेला था। बालू दलित समुदाय के पहले सदस्य थे जिन्होंने इस खेल पर अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़ी। अपने समय के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर होने के बाद भी बालू को दलित होने के कारण कभी टीम का कप्तान नहीं बनाया गया।
हैदराबाद के भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजा सिंह ने राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है। राजा सिंह ने कहा कि वे लोग जो अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने पर परिणाम भुगतने की धमकी देते हैं। मंदिर निर्माण का विरोध करते हैं। हम उनके विरोध का इंतजार कर रहे हैं ताकि हम उनका सिर कलम कर सकें। राजा सिंह ने कहा कि अगले साल राम नवमी तक राम मंदिर बनकर रहेगा।
यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी गोरखपुर में समर्थकों और कार्यकर्ताओं को जोश में होश बनाए रखने की नसीहत दे रहे थे उसी समय उनकी पार्टी भाजपा के एक विधायक ने विवादित बयान दे डाला है।
गोवा विधानसभा में पिछले हफ्ते विश्वास मत के दौरान गैर-हाजिर रहने वाले अपने पूर्व विधायक विश्वजीत राणे के खिलाफ पार्टी स्पीकर के पास एक याचिका दाखिल कर उन्हें अयोग्य करार देने की मांग करेगी।
उच्चतम न्यायालय ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर के शपथग्रहण पर मंगलवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया और 16 मार्च को सदन में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया।
उत्तर प्रदेश के चुनाव इस बार कई मायनों में खास रहे। कई दिलचस्प बदलाव देखने को मिले तो कई सकारात्मक परिवर्तन भी हुए। एडीआर और यूपी इलेक्शन वॉच ने कुछ आंकड़े इकट्ठे किए, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण रहा, दागी उम्मीदवारों को नकारा जाना। इस बार उत्तर प्रदेश में सन 2012 की तुलना में दागी विधायकों की संख्या 24 प्रतिशत तक घटी है।