दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को अरुण जेटली की तरफ से किए गए एक और नये 10 करोड़ के मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि जेटली ने डीडीसीए से जुड़े मामले में केजरीवाल के खिलाफ पहले से ही 10 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
वित्तमंत्री अरूण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया है। केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने जेटली को अदालत में ‘बदमाश’ कहा था जिसके बाद जेटली ने अतिरिक्त 10 करोड़ रूपये का मामला दर्ज कराया है।
आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने आज एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए हैं। कपिल मिश्रा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट मामले में 400 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, “आपकी हमसे दुश्मनी है, दिल्ली की जनता से तो बदला मत लो।” अपनी कैबिनेट के दो नए मंत्रियों की नियुक्ति संबंधी फाइल दबाने को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर रोष जाहिर किया है।
अनशन खत्म होते ही दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा आक्रमक हो गए हैं। मंगलवार को उन्होंने टि्वटर पर चार तस्वीर पोस्ट की है और केजरीवाल से सवाल किया है कि अगर मैं भाजपा का एजेंट हूं तो आप इसमें किसके एजेंट हैं। जवाब चुनने के लिए उन्होंने चार विकल्प भी दिए हैं।
आम आदमी पार्टी से निलंबित दिल्ली के पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा के अनशन का आज पांचवा दिन है। आज उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर अरविंद केजरीवाल पर पार्टी फंड में हेरा-फेरी का आरोप लगाया। बता दें कि आज प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कपिल मिश्रा बेहोश होकर गिर गए। जिसके बाद पुलिस उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल ले गई।
आम आदमी पार्टी से निष्कासित पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा अब केजरीवाल के बताए रास्ते पर चल पड़े हैं। जिस तरह शुरूआती दौर में केजरीवाल दिग्गज नेताओं पर आरोपों की झड़ी लगाते रहे हैं उसी नक्श-ए-कदम पर कपिल को भी देखा जा सकता है। कपिल ने भी एक पत्र के माध्यम से इसे स्वीकार किया है।
आम आदमी पार्टी में शह और मात का खेल शुरू हो गया है। दिल्ली एमसीडी चुनावों से बढ़ी तकरार फिलहाल रूकने के आसार नहीं है। पार्टी दो खेमे में बंटती दिखाई दे रही है। बेशक कुमार विश्वास से मौके की नजाकत को भांपते हुए केजरीवाल ने समझौता जरूर कर लिया लेकिन उनकी अंदर की टीस कम नहीं हो पाई। अब विधानसभा की समितियों में विश्वास समर्थकों को किनारे कर उन्होंने इसका संकेत दे दिया है।