यूपी विधानसभा में करारी हार झेल रही बसपा सुप्रीमो मायावती को आगामी दिनों में और झटके लग सकते हैं। मीडिया में खबर है कि लोकसभा और विधानसभा में पार्टी को मिली हार से खिजियाए कुछ असंतुष्ट नेता 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर एक अलग राजनीतिक मंच बना सकते हैं।
कर्नाटक विधान परिषद में भाजपा के एक पार्षद की ओर से मादक पदार्थ का मुद्दा उठाए जाने के बाद राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि वह राज्य को उड़ता पंजाब नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मादक पदार्थों के खतरे को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रह चुके और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा 40 साल कांग्रेस में रहने के बाद गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस छोड़ने के करीब सात हफ्ते बाद बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कर्नाटक के अनंत कुमार एवं आर अशोक तथा अन्य नेताओं की मौजूदगी में वह भाजपा में शामिल हुए।
कर्नाटक के कलबुर्गी में एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जो महिलाओं के गर्भाशय को निकालने का काम करता था। इस काम में चार अस्पतालों के शामिल होने का आरोप है। कलबुर्गी के स्थानीय लोग पिछले दो वर्ष से इस मुद्दे को उठा रहे हैं। लेकिन अभी तक अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों :भाजपा और जदयू के एकबार फिर करीब आने: का बाजार गर्म होने को लेकर हंसे।
राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।
देश की 7 राष्ट्रीय पार्टियों को वर्ष 2015-16 में 20,000 रुपये से अधिक की लिमिट में 102 करोड़ का चंदा मिला है। 1,744 चंदे से यह राशि मिली है। सबसे अधिक चंदा भाजपा को मिला है। 613 दानदाताओं ने भाजपा को कुल 76 करोड़ रुपये चंदा दिया है।
निर्वाचन आयोग ऐसे 200 से अधिक दलों के वित्तीय मामलों की जांच करने के लिए आयकर अधिकारियों को पत्र लिखने वाला है, जिन्हें उसने चुनाव न लड़ने के कारण सूची से बाहर किया है। आयोग ने बीते कुछ समय में ऐसे विभिन्न दलों की पहचान की है, जिन्होंने वर्ष 2005 से चुनाव नहीं लड़ा है। आयोग ने ऐसे 200 से अधिक दलों को सूची से बाहर किया है।
चुनाव आयोग ने चंदे के लिए महज कागजों में चलने वाले 200 राजनीतिक दलों की सूची तैयार की है। आयोग इन पर कार्रवाई करेगा। आयोग इनकी मान्यता रद्द करने की तैयारी में है। आयोग को संदेह है कि इन पार्टियों का इस्तेमाल मनी लॉन्डरिंग के लिए हो रहा है, इसलिए वह इनके बारे में जानकारी इनकम टैक्स विभाग को भी भेजेगा ताकि वह आगे की कार्रवाई कर सके।