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नजर रखने के लिए शिवराज के सचिवालय में आरएसएस से जुड़े ओएसडी तैनात

नजर रखने के लिए शिवराज के सचिवालय में आरएसएस से जुड़े ओएसडी तैनात

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिवालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े डॉ. मनीष कुमार को ओएसडी नियुक्त किया गया है। डॉ. कुमार देना बैंक भोपाल जोन में ब्रांच मैनेजर थे। उनकी सेवा प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकार को सौंपी गई है।
21 संसदीय सचिव मामला : चुनाव आयोग ने 11 बिंदुओं पर फिर मांगे जवाब

21 संसदीय सचिव मामला : चुनाव आयोग ने 11 बिंदुओं पर फिर मांगे जवाब

21 संसदीय सचिवों को मामले में दिल्ली सरकार की ओर से भेजी गई जानकारी से चुनाव आयोग को संतोष नहीं है। आयोग ने दिल्‍ली के मुख्य सचिव से दोबारा 11 बिंदुओं का हवाला देते हुए इस पर विस्‍तार से जानकारी मांगी है। संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े आदेश, किसी तरह के बिल भुगतान, किन बैठकों में इन्होंने हिस्सा लिया और उनके क्या फैसले हुए समेत कई अन्य विस्तृत जानकारी 15 सितंबर तक देने को कहा है।
भाजपा कार्यसमिति : दल बदलुओं को तरजीह, वरिष्‍ठों को कर दिया बाहर

भाजपा कार्यसमिति : दल बदलुओं को तरजीह, वरिष्‍ठों को कर दिया बाहर

मध्‍यप्रदेश भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का नाम शामिल नहीं होने के बाद पार्टी ने सफाई देते हुए कहा कि उनका नाम टाइपिंग में मिस्‍टेक हो गया। लेकिन नंदकुमार चौहान की टीम में प्रदेश के पूर्व संगठन महामंत्रियों माखन सिंह चौहान, अरविंद मेनन और भगवतशरण माथुर को भी स्‍थान नहीं मिला है।
सुशासन दें या न दें, 10 रुपये में भरपेट खाना देंगे शिवराज

सुशासन दें या न दें, 10 रुपये में भरपेट खाना देंगे शिवराज

अब तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ही अम्मां कैंटीन के लिए प्रसिद्ध थी। लेकिन अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी प्रदेश के 4 बड़े शहरों में शिवराज भोजनालयों की शुरूआत करने जा रहे हैं। इन भोजनालयों में मात्र 10 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाएगा। थाली में दाल, रोटी, सब्जी, पुलाव और अचार होगा। अगर इन शहरों में सफलता मिली तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
ओडिशा: शव की हड्डियां तोड़कर ढोने के मामले में एएसआई निलंबित

ओडिशा: शव की हड्डियां तोड़कर ढोने के मामले में एएसआई निलंबित

ओडि़शा के बालेश्वर जिले में एक वृद्ध महिला के शव के साथ अमर्यादित व्यवहार कर अपने कर्तव्य का उचित निर्वहन नहीं करने के मामले में राजकीय रेल पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया।
एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

मध्‍यप्रदेश में जबलपुर के पनागर के बिहर गांव में मानवता को शर्मसार करनेे वाला मामला सामने आया है। जिसके बाद भाजपा शासित इस राज्‍य की सामाजिक समरसता पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। गांव में एक दबंग ने अपनी जमीन से शवयात्रा ले जाने की अनुमति नहीं दी। मजबूरन लोगों को तालाब के बीच चार फीट पानी से शव को श्‍मशान घाट तक ले जाना पड़ा। मुसबीत यहीं कम नहीं हुई बल्कि लोग जब श्मशानघाट पहुंचे तो वहां पर सरकार की जमीन पर धान बोया गया था। नतीजन शव का अंतिम संस्‍कार निजी जमीन पर किया गया।
हर दस साल पर तय होगा राजनीतिक दलों का दर्जा

हर दस साल पर तय होगा राजनीतिक दलों का दर्जा

केंद्रीय चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के दर्जे की समीक्षा करने के नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत आयोग अब पांच साल के बजाय हर दस साल पर राजनीतिक दलों की राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता की समीक्षा करेगा।
प्रस्तावित कानून के तहत यौन सुख की मांग करना भ्रष्टाचार होगा

प्रस्तावित कानून के तहत यौन सुख की मांग करना भ्रष्टाचार होगा

संसद की एक समिति ने भ्रष्टाचार विरोधी एक नए कानून को प्रस्तावित किया है जिसके तहत किसी काम के एवज में यौन सुख की मांग को रिश्वत के तौर पर माना जाएगा और इसके लिए दंड का प्रावधान होगा।
माकपा, भाकपा व राकांपा का राष्ट्रीय दर्जा खत्म करने की मांग

माकपा, भाकपा व राकांपा का राष्ट्रीय दर्जा खत्म करने की मांग

भाकपा, माकपा और राकांपा का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा संकट में पड़ सकता है। चुनाव आयोग में याचिका दाखिल कर पेशे से वकील हरिशंकर जैन ने कहा है कि ये दल अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा होने के मानक पूरे नहीं करते। इसलिए इन्हें मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सीमा हटेगी

सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सीमा हटेगी

केंद्र सरकार भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की जजों की संख्या बढ़ाने की मांग को कुछ हद तक पूरा करने जा रही है। इसीलिए सरकार ने कोलेजियम की कुछ मांगों पर अमल करते हुए न्यायविदों और वकीलों को सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज नियुक्त करने की कैप हटा दी है। हालांकि, सरकार ने उच्च न्यायापालिका नियुक्ति की प्रक्रिया के अन्य दिशा-निर्देशों को सख्त ही रखा है।
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