सौर मंडल में 10 साल बाद एक दुर्लभ खगोलीय घटना का संयोग बन रहा है। नौ मई को सूर्य के सामने बुध ग्रह एक काले बिंदु की तरह गुजरता दिखाई देगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक ऐसा अद्भुत नजारा होगा जो नई पीढ़ी खासकर स्कूल एवं कालेज के छात्रों की खगोल जगत के संबंध में कौतुहल को दूर करने के साथ ही उन्हें सौर मंडल की आकाशीय घटना से रूबरू कराएगा।
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने शनिवार को राज्य पुलिस से पूछा कि उसने किस कानून के तहत उस नाबालिग लड़की को हिरासत में लिया जिसका गत मंगलवार को कथित रूप से एक सैनिक ने हंदवाड़ा में यौन उत्पीड़न किया था। इस घटना की वजह से शुरू हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में पांच लोग मारे गए हैं।
नैनिताल उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए एक समानांतर प्रक्रिया शुरू की, जिसका अभी तक कोई उदाहरण नहीं मिलता, पहली बार राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत होगा बहुमत परीक्षण
उच्चतम न्यायालय ने सिख समुदाय पर चुटकुलों के प्रसार पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की याचिका समेत संबंधित याचिकाओं पर 5 अप्रैल को सुनवाई करने पर गुरुवार को सहमति जताई और कहा कि यदि लोग इस चुटकुलों का वाणिज्यिक इस्तेमाल कर रहे हैं तो वह कार्रवाई कर सकता है।
अमेरिकी जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य डेविड हेडली के हालिया बयान के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, जिसमें वर्ष 2004 में एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां के मामले में गुजरात पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन, निलंबन और अन्य कार्रवाइयों को खारिज करने का आग्रह किया गया है।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का अध्यक्ष पद संभाल लिया। वह आयोग के सातवें अध्यक्ष हैं। न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने पिछले साल 11 मई को अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था जिसके बाद कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर न्यायमूर्ति सिरियाक जोसफ कार्यभार संभाल रहे थे।
लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र ने शिक्षक द्वारा रिश्वत लेने के दबाव से तंग आकर आत्महत्या कर ली। छात्र को कक्षा में उपस्थिति के रिकॉर्ड के आधार पर परीक्षा प्रवेश पत्र मिलने से शिक्षक रोक रहा था। छात्र ने एक बार 20 हजार रुपया दे भी दिया और घूसखोर शिक्षक ने ज्यादा रकम मांगी। ऐसी मानसिक प्रताड़ना संपूर्ण शिक्षा-व्यवस्था और शासकीय तंत्र के लिए शर्मनाक है।