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राहुल उत्तर प्रदेश के साथ वन कानून के लिए छेड़ेंगे अभियान

राहुल उत्तर प्रदेश के साथ वन कानून के लिए छेड़ेंगे अभियान

कांग्रेस उपाध्यक्ष राज्य चुनावों की रणनीति के साथ-साथ वन अधिकार कानून के हो रहे उल्लंघन के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाने जा रहे हैं
पटना: आनंद कुमार को मिला एमआईटी के ऑनलाइन प्रोग्राम में पढ़ाने का ऑफर

पटना: आनंद कुमार को मिला एमआईटी के ऑनलाइन प्रोग्राम में पढ़ाने का ऑफर

पटना में आईआईटी की तैयारी कराने वाले सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को एमआईटी ने अपने ऑनलाइन लर्निंग प्रोग्राम में गणित पढ़ाने की पेशकश की है।
नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।
पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।
न भरोसेमंद चेहरा और न जातीय समीकरण, कैसे लगेगी यूपी में कांंग्रेस की नैय्‍या पार

न भरोसेमंद चेहरा और न जातीय समीकरण, कैसे लगेगी यूपी में कांंग्रेस की नैय्‍या पार

कांग्रेस आलाकमान ने देश के सबसे बड़े राज्‍य उत्‍तर प्रदेश को साधने के लिए बहुत से प्रयास किए हैं लेकिन उनमें से कोई अब तक कारगर नहीं हुआ है। अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में जीत के लिए पार्टी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पकड़ा है।
प्रशांत किशोर की कंपनी को आयकर नोटिस

प्रशांत किशोर की कंपनी को आयकर नोटिस

चुनाव प्रबंधन कंपनी आईपैक चलाने वाले प्रशांत किशोर की कंपनी को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। 2014 में एसोसिएशन ऑफ सिटीजंस फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस नामक कंपनी के प्रमुख प्रशांत किशोर थे।
छत्तीसगढ़ में 36 लाख परिवारों को निशुल्क खसरा

छत्तीसगढ़ में 36 लाख परिवारों को निशुल्क खसरा

छत्तीसगढ़ में पिछले लगभग एक महीने से जारी लोक सुराज अभियान के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पाया कि राज्य के किसान और ग्रामीण अपनी जमीन का खसरा-नक्शा लेने के लिए परेशान होते हैं। इसके लिए उन्हें दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के 36 लाख परिवारों को उनकी जमीन का मुफ्त खसरा-नक्शा उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
जरूरत पड़ी तो मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं केजरीवाल: भूषण

जरूरत पड़ी तो मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं केजरीवाल: भूषण

जाने-माने वकील और पूर्व आप नेता प्रशांत भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पूरी तरह बेइमान होने का आरोप लगाया और कहा कि आप प्रमुख अपने व्यक्तिगत हित के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं।