यूजीसी पर कब्जा आंदोलन देश भर में फैल रहा है। छात्रों के बीच आक्रोश उफान पर है। सरकार की छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन एक तरह से बड़े राजनीतिक सवालों को भी उठा रहा है।
अठारहवीं सदी में मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती पर समारोह आयोजित करने को लेकर फैली हिंसा में विश्व हिंदू परिषद के एक नेता की मौत हो गई तथा पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि यहां पास के एक इलाके में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में एक युवक घायल भी हो गया। पूरे कोडागू जिले में निषेधाज्ञा लागू कर है तथा हालात को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त बलों को इलाके में भेजा गया है।
एक तरफ जहां मोदी के समर्थन में जुटाया जा रहा फैन-फेयर, वहीं गुजरात नरंसहार की काली छाया अब भी बरकरार, एलाइंस फॉर जस्जिस एंड अकॉन्टबिल्टी की सक्रियता बढ़ी
अर्थशास्त्री, लेखक, प्रोफेसर, वरिष्ठ वकील और भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति बनाए जाने की संभावनाओं पर दिन भर सोशल मीडिया पर तीखी बहस जारी रही। मीडिया में आई खबरों के अनुसार मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने इसके लिए स्वामी का नाम प्रस्तावित किया है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। इसमें कितनी सच्चाई है यह भी नहीं पता लेकिन दिनभर इसपर तीखी प्रतिक्रियाएं आती रहीं-
दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी को मिली सफलता से उत्साहित होते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इन सफलताओं का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।