भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने ग्रेज एनाटॉमी की अभिनेत्री एलेन पोम्पिओ और वियोला डेविज को पीछे छोड़ते हुए 2017 पीपल चॅाइस अवार्ड में पसंदीदा ड्रामेटिक टीवी अभिनेत्री का पुरस्कार अपने नाम कर लिया है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने 2016 का 'टाइम्स पर्सन ऑफ द इयर' चुना है। इस खिताब के लिए उनका मुकाबला पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई राष्ट्रध्यक्षों और राजनेताओं और कलाकारों के साथ था। पाठकों ने 'टाइम्स पर्सन ऑफ द इयर' के लिए हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी को चुना था। पीएम मोदी पाठकों की नजर में 18 फीसदी वोट के साथ पहले नंबर पर थे। वहीं ट्रंप और विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को 7 फीसदी वोट मिले थे।
नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि मौजूदा सरकार की विमुद्रीकरण की नीति एक क्रांति है, जिससे निसंदेह देश तरक्की करेगा। कांत के अनुसार विमुद्रीकरण के बाद देश के बैंकों में डिपोजिट बढ़ेगी जिससे काफी सारे लाभ होंगे। मसलन ब्याज दरों में कमी आएगी। बाजार के तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा। आयकर स्लैब में कमी आएगी। कांत ने कहा कि विमुद्रीकरण से पहले 86 फीसदी धन का लेन देन कैश में हाेेता था। जिसमें भ्रष्टाचार और लीकेज की आशंका अधिक थी। विमुद्रीकरण के बाद इनमें कमी आएगी। ई कॉमर्स को बढ़ावा मिलेगा। बाजार में धन का लेन देन पारदर्शी बन सकेगा।
रजनीकांत, अमिताभ बच्चन, करण जौहर और अनुराग कश्यप समेत बॉलीवुड की जानी मानी हस्तियों ने बाजार से 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले की सराहना की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अतुल्य भारत अभियान का चेहरा होंगे। पर्यटन मंत्रालय ने अंतत: इस अभियान से अमिताभ बच्चन या किसी अन्य बॉलीवुड सितारे को जोड़ने की योजना टाल टी है। इसी साल आमिर खान को इस अभियान से हटाए जाने के बाद यह स्थान रिक्त है।
इस बार दर्शकों के सामने दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर आई हैं। दोनों चर्चित और बड़ी फिल्में हैं। लेकिन यदि दर्शकों जो भी फिल्म देख लें या तो वे कुएं में गिरेंगे या खाई में। अजय देवगन और करण जौहर दोनों ही ने अपनी कमजोर निर्देशकीय पारी खेली है।
जानेमाने भारतीय अमेरिकी लेखक और धार्मिक गुरू दीपक चोपड़ा ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के भावनात्मक विकास की तुलना तीन साल के बच्चे से करते हुए कहा है कि उनका आत्मसम्मान बेहद कम है।
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) ने सोवियत संघ के विघटन का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पार्टी पर गहरी होती पकड़ को उचित ठहराया है।