पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में 56 वर्षीय एक हिन्दू डॉक्टर की उनके क्लिनिक के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस हत्या को धर्म से प्रेरित हत्या के रूप में देखा जा रहा है।
आरएसएस के सहयोगी संगठन असम की 31 आदिवासी लड़कियों को गुजरात और पंजाब में भगवा शिक्षा दिला रहे हैं। देश के कानून को धता बताते हुए असम के सीमावर्ती पांच जिलों से आदिवासी माता-पिता को बहला-फुसलाकर उनसे उनकी बेटियों को दूर कर दिया गया है। गुजरात और पंजाब में उन्हें हिंदूू जीवन प्रणाली अपनाने पर मजबूर किया जा रहा है।
गुजरात में गो हत्या पर दलितों की पिटाई का मामला शांत होता नहींं दिख रहा है। ऊना में दलितों की पिटाई के बाद राज्य के बनासकांठा जिले के 15 हजार दलितों ने धर्म बदलने की धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर जल्द स्थिति नहीं सुधरी तो वह बौद्ध धर्म को अपना लेंगे।
पाकिस्तानी बोल्ड मॉडल कंदील बलोच की मुल्तान में हत्या करने वाले उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक हत्यारे ने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने कहा कि ऑनर शान के लिए कंदील की गला दबाकर हत्या की है।
भारत सरकार ने अपने पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक नागरिकों को नया उपहार दिया है। आपसी संबंध सुधारने की दिशा में यह एक निर्णायक कदम हो सकता है। भारत ने इन देशों के अल्पसंख्यकों को वीजा की शर्तों में ढील दी है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर एक बेहद गंभीर आरोप लगाया है। स्वामी ने दावा किया कि सोनिया 2011-12 के दौरान हिंदू आतंकवाद की धारणा पैदा कर देश में आपातकाल घोषित करना चाहती थीं।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अगले महीने विदेश की शाखा हिंदू स्वयंसेवक संघ की पचासवीं वर्षगांठ लंदन में मनाएगा। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत लंदन जाएंगे। उनके साथ जनरल सेक्रेटरी दत्तात्रय होसबोले भी होंगे।
कैरान से उठा हिंदुओं के पलायन का मसला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस विवाद को समय समय पर हवा मिलती जा रही है। राजनीतिक नेताओं के बाद अब आएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि आज के समय में विस्थापन की खबरें ‘‘दुखदायी और परेशान करने वाली’’ हैं। भागवन ने कहा कि हिंदुओं के पलायन को रोकने की जिम्मेदारी वहां के शासन की है।
पाकिस्तान में पवित्र हिंदू शब्द ओम लिखी चप्पलें बेचने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देश के अल्पसंख्यक समुदाय के विरोध के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जूतों को भी जब्त कर लिया।
झूठी शान की खातिर 1980 में हुई हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए गए बिस्तर पर पड़े 92 वर्षीय एक व्यक्ति को आखिरकार जेल जाना पड़ेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने से उसे कोई भी छूट प्रदान करने से मना कर दिया।