भारतीय सेना द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत जम्मू-कश्मीर के उन युवाओं से मिले जिन्होंने इस साल आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की है। आईआईटी के लिए चयनित ये युवा भारत के विभिन्न आईआईटी में अध्ययन करेंगे। जनरल रावत ने मिल कर सभी को सफलता की बधाई दी और आगे के भविष्य की अग्रिम शुभकामनाएं दीं।
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि आर्मी में महिलाओं को लड़ाकू भूमिका की इजाजत देने की प्रॉसेस तेज की जा रही है। इसके बाद महिलाएं भी पुरुषों के साथ मिलकर दुश्मनों से मुकाबला कर सकेंगी। हालांकि शुरुआत में उन्हें मिलिट्री पुलिस के पदों पर अप्वाइंट किया जाएगा। आर्मी के इस निर्णय को काफी अहम कदम माना जा रहा है।
कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अशतार औश्तार औसाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में आठ जून को होने वाली सुनवाई में कानूनी पक्ष रखेंगे तथा आईसीजे प्रेसीडेंट से मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से कार्यवाहक जज की मांग कर सकता है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को मुख्य कोच के पद के लिये आवेदन मंगवाए हैं। इससे मुख्य कोच अनिल कुंबले को संकेत मिल गया कि चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद खत्म हो रहे उनके मौजूदा कार्यकाल का स्वत: विस्तार नहीं होगा।
बाहुबली 2 भले ही कमाई के बॉक्स ऑफिस पर रेकॉर्ड तोड़ती रहे लेकिन गदर निर्देशित करने वाले अनिल शर्मा इसे शिगूफे से ज्यादा कुछ नहीं मानते। उनका मानना है कि भले ही बाहुबली ने पंद्रह सौ करोड़ रुपये का बिजनेस कर लिया हो लेकिन गदर का कोई मुकाबला नहीं।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मध्य प्रदेश के रहने वाले दवे 60 वर्ष के थे। संघ से जुड़े दवे को पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में जगह दी थी।
काम के प्रति समर्पण और सादा जीवन अनिल माधव दवे की खासियत रही है। पर्यावरण संरक्षण में उन्होंने अपना सबकुछ अर्पित कर दिया था। इसी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में जगह देकर उन्हेंने पर्यावरण को और बेहतर करने का जिम्मा दिया था। दवे ने मां नर्मदा की काफी सेवा की। नर्मदा के संरक्षण में उनकी उल्लेेखनीय भूमिका, उनके सामाजिक सरोकार की व्यांख्या करती है। मुस्कान के साथ सरल छवि वाले दवे पूरी तरह से कर्मयोगी थे।
अनिल माधव दवे देश के पर्यावरण मंत्री बनने से पहले पर्यावरण के समर्पित कार्यकर्ता थे। सैकड़ों-हजारों वर्षों से चली आ रही नर्मदा यात्रा को उन्होंने समग्र दृष्टिकाेेेण दिया था। लेकिन नर्मदा पु्त्र दवे की जीवन यात्रा पर इतनी छोटी होगी, किसी को आभास नहीं था।