यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी टेरी के पूर्व प्रमुख आर के पचौरी को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत देते हुए एक बार फिर उन्हें विदेश जाने की अनुमति दे दी।
जोधपुर के भाजपा विधायक कैलाश भंसाली अपने एक विवादास्पद बयान पर घिरते जा रहे हैं। स्पीड ब्रेकर के निर्माण में हो रही देरी पर उन्होंने कहा कि अधिकारी इसमें देर कर रहे हैं। मैं क्या कर सकता हूं। लोग मरते हैं तो मरने दो, मुझे बाद में अखबार की कटिंग दे देना। उनकी इस बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है।
पंजाब के मलेरकोटला में पवित्र कुरान शरीफ की बेअदबी के मामले में पुलिस ने आम आदमी पार्टी के विधायक पर मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में गिरफ्तार एक शख्स ने खुलासा किया है कि उसे विधायक ने इस काम के लिए 1 करोड़ रुपये देने का वादा किया था।
राजस्थान के जयपुर में एक निर्दलीय विधायक के बेटे ने बीएमडब्लू कार से तीन लोगों को कुचल डाला। जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार शराब के नशे में विधायक पुत्र ने एक ऑटो को जोरदार टक्कर मारकर इस वारदात को अंजाम दिया। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मियों समेत चार लोग भी घायल हो गए।
हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय ने अदालत को बताया कि इंद्राणी ने अपनी बेटी की गला दबाकर हत्या करने के शीघ्र बाद एक पार्सल में बंदूक छिपाकर हथियार रखने के एक मामले में उसे फंसाया था। राय इस मामले में इकबाली गवाह बन गया है।
1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।
सौरव गांगुली के पास भारत के अगले मुख्य कोच के चयन की जिम्मेदारी है और इस पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्होंने 2005 में ग्रेग चैपल के नाम की सिफारिश करके जिस तरह की गलती की थी इस बार ऐसा कुछ नहीं करेंगे।
बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा में टाॅपर्स घोटाले के कथित मास्टरमाइंड बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड :बीएसईबी: के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी एवं जदयू की पूर्व विधायक उषा सिन्हा को सोमवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किया गया।