दलित शोधार्थी की आत्महत्या के मुद्दे पर रुख और आक्रामक करते हुए राहुल गांधी शनिवार को हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों के साथ एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ गए।
अर्थशास्त्रियों ने बुधवार को सरकार को सुझाव दिया कि मौजूदा कठिन हालात में आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए सरकार को अगले वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे को सीमित करने में ढील देकर सार्वजनिक व्यय बढाने पर विचार कर सकती है।
सालाना 7 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर से आगे बढ़ते भारत में अगले दस साल के दौरान विश्व की सबसे तेज विकसित अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है। हार्वर्ड के शोधकर्ताओं के मुताबिक, भारत अगले दस साल में अपने दक्षिण एशियाई प्रतिद्वंद्वी चीन से आगे निकल जाएगा जहां की अर्थव्यवस्था लगातार सुस्त पड़ती जाएगी।
यूरोप जहां प्रवासियों के मुद्दे से जूझ रहा है वहीं ब्रिटेन के विज्ञान एवं विश्वविद्यालय मंत्री जो जॉन्सन ने ब्रिटेन में अध्ययन और कार्य करने के लिए भारतीयों का स्वागत किया है। शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के लिए वर्ष 2016 को ब्रिटेन-भारत वर्ष घोषित करने के उद्देश्य से भारत यात्रा पर आए ब्रिटिश मंत्री जॉन्सन ने पल्लव बाग्ला को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि शिक्षा के लिए ब्रिटेन जाना ब्रेन गेन (प्रतिभा विकास) है न कि ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन)।
दिल्ली स्थित देश के प्रतिष्ठित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने इस साल अपने दीक्षांत समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि बनने का न्यौता दिया है। हालांकि अभी तक विश्वविद्यालय को इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई स्वीकृति नहीं मिली है।
कांग्रेस सांसद शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में एफबीआई जांच रिपोर्ट में आज एक नया खुलासा सामने आया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि सुनंदा की मौत किसी प्रकार के जहर से नहीं हुई थी।
वैज्ञानिक बिना बैटरी वाला ऐसा आधुनिक पेसमेकर विकसित कर रहे हैं, जिसे खुद वह दिल चार्ज कर सकेगा, जिसमें वह लगाया गया होगा। यह प्रगति दरअसल एक पीजोइलेक्ट्रिक सिस्टम पर आधारित है जो कि छाती के भीतर हर धड़कन पर पैदा होने वाली कंपन ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने की क्षमता रखता है। इस तरह से पेसमेकर को जरूरी उर्जा उपलब्ध करवाई जा सकती है।
वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसा तरीका इजाद किया है जिसमें मेडिकल अल्ट्रासाउंड जैसी एक तकनीक का इस्तेमाल कर कंपायमान विशालकाय तारों के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।