मलेशिया की एक महिला ने पेट्रोल पंप पर जब अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया तो वहां आग लग गई, जिससे वह 60 फीसदी तक झुलस गई। यह घटना संकेत दे रही है कि पेट्रोल पंप में मोबाइल फोन का इस्तेमाल आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
भारत में तीन साल से छह साल की उम्र के कुल 7.4 करोड़ बच्चों में से करीब दो करोड़ बच्चे औपचारिक पढ़ाई की शुरूआत से पहले प्री स्कूल नहीं जाते हैं। यूनिसेफ द्वारा जारी एक अध्ययन में पता चला है कि प्री स्कूल नहीं जा पाने वालों में निर्धन एवं समाज के कमजोर वर्गों के बच्चे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा बच्चे मुस्लिम समुदाय से हैं जो प्री स्कूली शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
मध्य चीन में एक टूरिस्ट बस के रेलिंग से टकराने के बाद लपटों से घिर जाने की वजह से कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। यह घटना हुनान प्रांत में हुई। बस में 56 लोग सवार थे।
फीस जमा नहीं कर पाने पर स्थानीय स्कूल द्वारा एक बच्चे को दाखिला देने से इनकार करने पर बंबई उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने किस्त में फीस लेने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर यह संभव नहीं है तो वह खुद अपनी जेब से बच्चे की फीस जमा करने के लिए तैयार हैं।
सरकार द्वारा बनाई जा रही नयी शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में योग को बढ़ावा दिया जाएगा। यह बात प्रथम योग ओलंपियाड का उदघाटन करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव सुभाष चंद्र खुंटिया ने कही।
क्षेत्रीय मीडिया की प्रगति के मद्देनजर प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) मलयालम और मराठी सहित क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रहा है। संस्थान ने डिजिटल मीडिया के विस्तार को ध्यान में रखते हुए अपने दिल्ली परिसर में एक न्यू मीडिया एंड आईटी विभाग भी स्थापित किया है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में अतिक्रमणरोधी एक अभियान के दौरान हुई हिंसा में शहर पुलिस अधीक्षक तथा एक थाना प्रभारी सहित 21 लोगों की मौत हो गई। हिंसा और गोलीबारी में 40 से अधिक लोग घायल हो गए। हमले में 19 अतिक्रमणकारियों की भी मौत हुई है।
मीडिया में मथुरा हादसे के पीछे पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार माना जा रहा है। खबरों के अनुसार पुलिस बिना पूर्व तैयारी के अतिक्रमण हटाओ अभियान को अंजाम देने पहुंच गई थी और वह भी बिना हेलमेट और बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ। पुलिस ने अगर यह लापरवाही की है तो उसे यह दोष दिया जा सकता है। लेकिन बेतुकी मांगों के साथ धरने की आड़ में 250 एकड़ की जमीन पर कब्जा करने वाले उन अतिक्रमणकारियों के साथ क्या सलूक होना चाहिए, जो कोर्ट के आदेश के बाद भी वहां से हटने का नाम नहीं ले रहे थे।