मालदीव की सरकार ने आज देश में आपातकाल घोषित कर दिया। इससे सुरक्षा बलों को काफी शक्तियां हासिल हो गई हैं। देश की राजधानी के साथ ही एक रिसॉर्ट पर हथियार और विस्फोटक मिलने के बाद आपातकाल की घोषणा की गई।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सरकार कार्पोरेट कर घटाकर 25 प्रतिशत करने की योजना के तहत अगले कुछ दिनों में कर छूटें खत्म करने का खाका पेश करेगी। इसके पहले चरण की घोषणा बजट में होगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कांग्रेस और वामदलों पर पलटवार करते हुए उन पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति वैचारिक असहिष्णुता अपनाने तथा संगठित दुष्प्रचार के जरिये भारत को असहिष्णु समाज के रूप में पेश करने के प्रयास करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर में कई अति महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगे। वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी।
सरकार ने गुरुवार को कहा कि उसे बुधवार को समाप्त कालाधन अनुपालन सुविधा के तहत किए गए 638 खुलासों के जरिये 3,770 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। वित्त मंत्रालय ने सीबीडीटी द्वारा सौंपे गए आंकड़ों के आधार पर जारी एक बयान में कहा अनुपालन सुविधा के तहत विदेश में गैरकानूनी तौर पर जमा 3,770 करोड़ रुपये के बारे में खुलासे से जुड़े 638 हलफनामे मिले। इन आंकड़ों पर अंतिम मिलान बाकी है।
देश में आपातकाल की घोषणा कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जितनी आलोचनाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके राजनीतिक दल की झेलीं, उतनी आलोचना शायद ही किसी और राजनीतिक दल ने की हो। लेकिन अब खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टीवी राजेश्वर की मानें तो संघ ने भी आपातकाल का समर्थन किया था और उस वक्त के संघ प्रमुख बालासाहेब देवरस ने इंदिरा गांधी से संपर्क साधने की भी कोशिश की थी।
वित्त मंत्रालय ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के भाई अरुण पी. साठे को पूंजी बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल में अंशकालिक सदस्य नियुक्त किए जाने का आज बचाव किया और कहा कि वे इसके योग्य हैं और काफी ईमानदार हैं।
नीतिगत ब्याज दर तय करने के मामले में रिजर्व बैंक के गवर्नर के अधिकार में कटौती के प्रस्ताव वाले विधेयक के मसौदे पर सरकार पीछे हट गई है और उसने मंगलवार को कहा कि यह निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं है कि वह केंद्रीय बैंक के गवर्नर के अधिकाराें में कमी करना चाहती है।
भारत, अमेरिका और सिंगापुर सहित दुनियाभर की बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन की बुनियादी आर्थिक समस्याओं से ज्यादा चिंतित नजर आ रही हैं। एसोचैम के एक दस्तावेज के मुताबिक, इन कंपनियों को आशंका है कि ग्रीस संकट की तुलना में चीन की खराब अर्थव्यवस्था का विश्व के वित्तीय और कमोडिटी बाजारों पर ज्यादा असर पड़ेगा।