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संयुक्त राष्ट्र में बरसीं सुषमा, आतंक को पालने वाले पाक को अलग-थलग किया जाए

संयुक्त राष्ट्र में बरसीं सुषमा, आतंक को पालने वाले पाक को अलग-थलग किया जाए

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रही हैं। अपने संबोधन में उन्होंने आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाते हुए कहा कि जिसने भी आंतकवाद का बीज बोया उसने कड़वा फल खाया।
न्यूयॉर्क पहुंचीं सुषमा कल करेंगी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित

न्यूयॉर्क पहुंचीं सुषमा कल करेंगी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र को संबोधित करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज न्यूयॉर्क पहुंच चुकी हैं। अब सभी की नजरें और कान महासभा में कल होने जा रहे उनके संबोधन पर टिके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अपने संबोधन में सुषमा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा कश्मीर पर आक्षेपों का एक तगड़ा जवाब देने वाली हैं।
बदल गया प्रधानमंत्री आवास का पता, रेसकोर्स रोड अब होगा लोक कल्याण मार्ग

बदल गया प्रधानमंत्री आवास का पता, रेसकोर्स रोड अब होगा लोक कल्याण मार्ग

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय सत्ता से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण मार्ग रेसकोर्स रोड का नाम अब लोक कल्याण मार्ग होगा। इसी मार्ग पर देश के प्रधानमंत्री का आवास स्थित है।
कमजोरों पर हमला राष्ट्रीय चरित्र के खिलाफ, सख्ती से निपटने की जरूरत: राष्ट्रपति

कमजोरों पर हमला राष्ट्रीय चरित्र के खिलाफ, सख्ती से निपटने की जरूरत: राष्ट्रपति

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में न्याय, स्वतंत्रता, समता और भाईचारे के चार स्तंभों पर निर्मित लोकतंत्र को मजबूती से आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय चरित्र के विरुद्ध कमजोर वर्गों पर हुए हमले पथभ्रष्टता हैं, जिससे सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में हाल ही में पारित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक का भी जिक्र किया।
‘खुद को मुगल बादशाह समझते थे पूर्व मुख्य न्यायाधीश’

‘खुद को मुगल बादशाह समझते थे पूर्व मुख्य न्यायाधीश’

पटना हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने पिछले हफ्ते सेवानिवृत्त हुए मुख्य न्यायाधीश के बारे में एक खुला पत्र लिखकर उनके विदाई समारोह में जाने से साफ मना कर दिया कि वह ‘मुगल बादशाह’ की तरह काम करते थे और कानून के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं था।
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