साहित्य अकादेमी की ‘राष्ट्रीय भावात्मक एकता: भारतीय भाषा और साहित्य के संदर्भ में’ विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी के समापन पर कपिल कपूर ने कहा, भारत का एकत्व ज्ञान की परंपरा के कारण ही है।
उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
कुछ संगठनों द्वारा अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई से हटाने की सिफारिश किए जाने पर एक प्रमुख मुस्लिम थिंकटैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना उचित नहीं रहेगा और अंग्रेजी आधुनिक दौर में विकास की एक प्रमुख धुरी है जिससे आज की पीढ़ी को उपेक्षित नहीं रखा जा सकता।
आरएसएस से जुड़े संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की मंशा है कि स्कूलों में उच्च शिक्षा तक मातृ भाषा में ही बच्चों को सभी निर्देश दिए जाएं। न्यास ने नई शिक्षा नीति की सिफारिश में इस तरह की इच्छा व्यक्त की है। सिफारिश मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी गई है। संगठन चाहता है कि जल्द लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में उसकी सिफारिशों पर गौर करते हुए अंग्रेजी की जगह मातृ भाषा को बढ़ावा जाए।
फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्फ्रेंस 2016 को भाषा तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की बेमिसाल सफलता का उत्सव कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। भाषाई कंप्यूटिंग के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों का यह सलाना उत्सव इस साल नई दिल्ली के द सूर्या होटल में बीते सप्ताहांत में आयोजित किया गया। दुनियाभर से करीब सौ से अधिक लोग इस कार्यक्रम में शरीक हुए।
राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा का कहना है कि कोई भी भाषा हिन्दी का स्थान नहीं ले सकती क्योंकि यह आम आदमी की भाषा है। ऐसे में हिन्दी को उच्च शिक्षा में शिक्षा का माध्यम (एमओआई) बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। चंद्रा ने यह बातें साहित्य अकादमी द्वारा हिन्दी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहीं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से विद्रोह करके गोवा में समानांतर संगठन खड़ा करने वाले स्वयंसेवकों ने भविष्य कार्यक्रम तय करने के लिए 11 सितंबर को अधिवेशन बुलाया है। समानांतर संगठन आरएसएस के प्रदेश प्रमुख (प्रांत संघचालक) पद से हटाए गए सुभाष वेलिंगकर के समर्थन में खड़ा हुआ है और वही उसके कर्ता-धर्ता हैं। वेलिंगकर को प्रदेश की भाजपा सरकार का विरोध करने के कारण प्रांत संघचालक के पद से हटा दिया गया था।
गोवा में भाजपा सरकार से लोहा ले रहे सुभाष वेलिंगकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के खिलाफ अब खुलकर सामने आ गए हैं। वेलिंगर को दो दिन पहले ही राज्य के आरएसएस प्रमुख पद से हटाया गया है। वेलिंगकर ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनकी बर्खास्तगी के पीछे रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की साजिश है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को गोवा में आरएसएस के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अमित शाह राज्य में 2017 विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी अभियान की औपचारिक शुरूआत करने पहुंचे थे। उनके आगमन पर राज्य के आरएसएस प्रमुख और भारतीय भाषा सुरक्षा समिति (बीबीएसएम) के अध्यक्ष सुभाष वेलिंगकर भाजपा के विरोध में नजर आए। वह भाजपा की नीतियों को लेकर पार्टी से खफा चल रहे हैं। वेलिंगकर के साथ बीबीएसएम के लगभग 200 सदस्यों ने भाजपा विरोधी नारे लगाए और अमित शाह के दल को काले झंडे दिखाए।