प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान करते वक्त जो मकसद बताए थे, वे रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में खारिज होते दिखते हैं। अगर सरकार हकीकत को स्वीकार किए बगैर अपने तर्क देती रही तो अच्छे दिन की ओर बढ़ना आसान नहीं होगा।
भारत को अपने लंबे इतिहास और उससे जुड़े स्मारकों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। लेकिन उसके लिए एक बुरी खबर है। भारत के कई स्मारक अब गायब हो चुके हैं। इसकी वजह है बढ़ता शहरीकरण और अतिक्रमण।
देश में 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद से लगभग 15 लाख लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी हैं। इसका खुलासा सेन्टर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) के एक सर्वे में किया गया है।
पिछले कुछ समय से सरकार जाने-अनजाने जिस तरह नए नियम-कायदे और प्रक्रियाओं का दायरा बढ़ा रही है, नई-नई बंदिशें लगा रही है, वह उदारीकरण के दौर से यू-टर्न जैसा दिखता है।
नक्सलियों का गढ़ और दुर्गम वन्य क्षेत्र माने जाने वाले छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ पर सरकार की रणनीति तैयार हो रही है। सरकार और प्रशासन से अछूते रहे इस इलाके में सरकार ने अब सर्वे कराना शुरू कर दिया है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को कहा कि भारत में पहली बार आर्थिक सुधारों को व्यापक जन समर्थन प्राप्त हुआ है। हाल के चुनाव नतीजे इसका संकेत देते हैं।
चीन ने पीओके से होकर गुजरने वाले रणनीतिक चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे :सीपीईसी: को लेकर अपना बचाव करते हुए कहा कि इसका कश्मीर मामले से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है क्योंकि यह एक आर्थिक उपक्रम है। भारत ने सीपीईसी को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
देश के छोटे बड़े शहरों में भारी-भरकम स्कूल बैग, टिफिन बॉक्स तथा पानी की बोतल लेकर झुकी कमर और तिरछी चाल चलते मासूम स्कूल आते जाते दिख जाएंगे। इन मासूमों से स्कूली बस्ते सहजता से उठते भी नहीं, लेकिन वे स्कूल बैग ढोने के लिए मजबूर हैं। बच्चे अपने वजन का 35 प्रतिशत बोझ बस्ते के रूप में रोजाना पीठ पर ढोते हैं।