दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की फर्जी डिग्री के मामले को लेकर दिल्ली विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर के बाधित हुई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उपराज्यपाल नजीब जंग से केजरीवाल सरकार के टकराव समेत राज्य सरकार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
फर्जी डिग्री रखने के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली सरकार में मंत्री रहे जितेंद्र तोमर की लॉ की डिग्री असली निकली। जांच में पता चला कि तोमर ने 1998-99 में बिहार के एक कॉलेज से लॉ की परीक्षा पास की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की ओर से जारी उन दो अधिसूचनाओं पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया जिसमें केंद्र सरकार के अधिकारियों पर कार्रवाई करने के प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारों को छीन लिया था।
आम आदमी पार्टी के विधायकों के ग्रह नक्षत्र लगता है ठीक नहीं चल रहे हैं। पहले जितेंद्र सिंह तोमर फर्जीवाड़े में पकड़े गए। इसके बाद एक अन्य विधायक पूर्व कमांडो सुरिंदर सिंह पर फर्जी डिग्री का आरोप लग रहा है और अब पार्टी के चर्चित और विवादों में रहने वाले नेता सोमनाथ भारती आरोपों के घेरे में हैं।
दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो पर कब्जे की जंग तेज होती जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से नियुक्त एसीबी के चीफ एमके मीणा को दिल्ली सरकार ने यह कहते हुए चार्ज लेने से रोक दिया कि एसीबी में संयुक्त आयुक्त का कोई पद नहीं और एसीबी में पहले से एक प्रमुख मौजूद है। दिल्ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले राज्य के गृह सचिव धर्म पाल को भी हटाने का फैसला किया है। हालांकि, उपराज्यपाल नजीब जंग ने गृह सचिव को हटाने से इन्कार कर दिया है जबकि एमके मीणा का कहना है कि वह एसीबी प्रमुख का चार्ज ले चुके हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति के आदेश को भी गृह विभाग से रद्द करवा दिया है।
मंगलवार को केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच खुली जंग साफतौर पर देखने को मिली। फर्जी डिग्री के मामले में दिल्ली सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की गिरफ्तारी और उपराज्यपाल की ओर से एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ नियुक्त एमके मीणा को दिल्ली सरकार द्वारा चार्ज लेने से रोके जाना इसके उदाहरण हैं। वसंत विहार के एसआईटी कार्यालय के बाहर आम आदमी पार्टी के सदस्य दिनभर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। तोमर को यहां पूछताछ के लिए लाया गया था। यहां तक कि दिल्ली पुलिस ने सारा इलाका बैरिकेड्स से सील कर रखा था और बैरिकेड्स के अंदर आप विधायकों को भी नहीं जाने दिया गया। अंदर केवल कुमार विश्वास, आशुतोष और कुछ अन्य सदस्य थे। आप सदस्यों का कहना था कि दिल्ली पुलिस और बार काउंसिल केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।