मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा करने वाले व्यापमं घोटाले से जुड़े आरोपियों की संदिग्ध मौतों का सिलसिला जारी है। एक ही दिन के अंदर घोटाले से जुड़े दो और आरोपियों की मौत हो गई है। एक आरोपी इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद था जबकि दूसरा ग्वालियर में जमानत पर था। दोनों की मौत रविवार को तकरीबन एक ही समय पर हुई है। इस तरह इस मामले में अब तक करीब 40 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्या के लिए अक्सर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।
यूपी में एक पत्रकारों को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद अब महाराष्ट्र में खनन माफिया द्वारा एक पत्रकार को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। मारा गया पत्रकार मध्य प्रदेश के बालाघाट का रहने वाला था और खनन माफिया और चिटफंड घोटालों के खिलाफ लगातार खबरें दे रहा था। उसका मध्य प्रदेश के बालाघाट से अपहरण हुआ था और उसे नागपुर ले जाकर जिंदा जलाया गया।
पुलिस ने बुधवार को उन पांच यात्रियों का पता लगाने का दावा किया जो उस बस में सवार थे जिसमें एक किशोरी से छेड़छाड़ के बाद उसे बाहर फेंक दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इन यात्रियों के बयान दर्ज कर लिए हैं।