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चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।
‘प्यारी मौत शुक्रिया, अरुणा को ले जाने के लिए’

‘प्यारी मौत शुक्रिया, अरुणा को ले जाने के लिए’

38 साल बाद बिना न्याय पाए अरुणा शानबाग ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। जैसे ही अरुणा शानबाग की मौत की खबर की पुष्टि हुई, सोशल मीडिया पर हैशटेग # Aruna shanbaug पर सेलिब्रिटिज समेत तमाम लोगों ने अरुणा के प्रतिं संवेदना जाहिर की। कुछ ने बलात्कार पर कानून के ढीले रवैये पर गुस्सा जाहिर किया तो कुछ ने समाज पर। इस बीच ज्यादातर लोगों ने मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल के स्टाफ की उन नर्सों को सलाम किया, जो बिना स्वार्थ के पिछले 38 सालों से अरुणा की सेवा कर रही थीं। फेसबुक और टि्वटर पर अरुणा को श्रद्धांजलि संबंधी कुछ टिप्पणियां-
मोदी के म्यूजियम दौरे पर चुहलबाजी

मोदी के म्यूजियम दौरे पर चुहलबाजी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन के मशहूर मृद् योद्धा यानी टेराकोटा वॉरियर्स म्यूजियम निरीक्षण को लेकर ज्यादातर लोगों ने चुहलबाजी की। न के बराबर ही दिखा कि किसी ने इस संग्रहालय को लेकर संजीदा टिप्पणी की हो या संग्रहालय की खासियत बताई हो। शाम तक तो टि्वटर पर हैशटैग #ModiInChina टॉप ट्रेंड कर रहा था। इस तहत जिन्होंने भी मोदी के संग्राहलय निरीक्षण से जुड़े कमेंट किए उनमें कटाक्ष ही था। निरीक्षण की उक्त तस्वीर सोशल मीडिया पर दिनभर वायरल रही।
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