Advertisement

Search Result : "Bharat Ke Pradhanmantri: Desh"

'संघ मुक्त भारत' का नारा देने वाले नीतीश कुमार मोहन भागवत के साथ कार्यक्रम में होंगे शामिल

'संघ मुक्त भारत' का नारा देने वाले नीतीश कुमार मोहन भागवत के साथ कार्यक्रम में होंगे शामिल

‘संघ मुक्त भारत’ बनाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरएसएस प्रुमख मोहन भागवत एक साथ...
जन्मदिन : टैक्स की बीमारी और जातिवाद, क्षेत्रवाद पर हरिशंकर परसाई के दो सशक्त व्यंग्य

जन्मदिन : टैक्स की बीमारी और जातिवाद, क्षेत्रवाद पर हरिशंकर परसाई के दो सशक्त व्यंग्य

हमारे देश में टैक्स पर बहस अब भी चल रही है और जातिवाद, क्षेत्रवाद तो इस देश की पुरानी समस्याएं हैं। मशहूर साहित्यकार, व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के जन्मदिन पर इन विषयों पर उनके दो सशक्त व्यंग्य।
बाल यौन उत्पीड़न के खिलाफ भारत यात्रा करेंगे कैलाश सत्यार्थी

बाल यौन उत्पीड़न के खिलाफ भारत यात्रा करेंगे कैलाश सत्यार्थी

नोबल पुरस्कार विजेता और बच्चों के हक की लड़ाई लड़ने वाले कैलाश सत्यार्थी ने देश में बढ़ रहे बाल यौन उत्पीड़न और ट्रैफिकिंग के खिलाफ युद्ध स्तर पर लड़ाई छेड़ने का एलान किया है। वह लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए 11 सितंबर से कन्याकुमारी से भारत यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा विभिन्न हिस्सों से होते हुए 16 अक्तूबर को दिल्ली में समाप्त होगी। करीब एक करोड़ लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।
वकील ने शब्बीर से कहा, ‘भारत माता की जय बोलो’, जज बोले, ‘ये टीवी स्टूडियो नहीं है’

वकील ने शब्बीर से कहा, ‘भारत माता की जय बोलो’, जज बोले, ‘ये टीवी स्टूडियो नहीं है’

दिल्ली की एक अदालत की घटना खूब सुर्खियां बंटोर रही है। दरअसल ईडी के वकील ने शब्बीर शाह से पूछा, ‘क्या आप भारत माता की जय बोल सकते हैं?’ तब कोर्ट ने वकील का विरोध करते हुए कहा कि अदालत की कार्यवाही को टीवी चैनल की बहस ना बनाएं।
राष्ट्रवाद की नई व्याख्या के दौर में नए सिरे से सोचने को मजबूर करती है 'राग देश'

राष्ट्रवाद की नई व्याख्या के दौर में नए सिरे से सोचने को मजबूर करती है 'राग देश'

फिल्म 'आजाद हिन्द फौज' के तीन जांबाज अफसरों के खिलाफ अंग्रेजों द्वारा लगाए देशद्रोह के मुकदमे के आसपास घूमती हुई देशद्रोह और देशभक्ति को बहुत सरल शब्दों में परिभाषित करती है।
इतिहास की परतें खोलती राग देश

इतिहास की परतें खोलती राग देश

निर्देशक तिग्मांशु धुलिया देशभक्ति में रंगी हुई राग देश लेकर हाजिर हुए हैं। विषय तो देशभक्ति है लेकिन उस दौर की जब उस पर राजनीति नहीं होती थी। फिल्म की कहानी 1945 की है।