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शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने में नहीं चूक रहे। पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार के संग नजदीकियां बढ़ा रहे शत्रुघ्न ने इस बार मांझी द माउंटेन मैन फिल्म के बहाने नरेंद्र मोदी के डीएनए वाले बयान पर निशाना साधा है।
गठला – आत्माओं का स्थायी पता

गठला – आत्माओं का स्थायी पता

मध्य भारत के भील आदिवासियों की संस्कृति में ऐसा माना जाता है कि मृत और जीवित आत्माएं एक ही साथ एक ही क्षेत्र में निवास करती हैं। मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान के इलाकों में पाई जाने वाली इस भील जाति से जुड़ी ऐसी ही कई अन्य परंपराओं और रीति-रिवाजों को विक्रम मोहन ने एक समकालीन नृत्य नाटिका में समेटा है। उन्होंने इसका नृत्य निर्देशन भी किया है।
उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आम आदमी के चट्टानी इरादों को दर्शाती फिल्म मांझी - द माउंटेन मैन को राज्य में मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला किया है।
फांसी की शर्मनाक छाया

फांसी की शर्मनाक छाया

मौत की सजा के जरिये अपराध की रोकथाम का लक्ष्य विफल हो चुका है। शोध यह साबित करने में लगातार विफल रहे हैं कि मौत की सजा से अपराध पर रोक लगती है।
आज होगी याकूब को फांसी

आज होगी याकूब को फांसी

याकूब की फांसी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आधी रात के बाद हुई ऐतिहासिक सुनवाई खत्म। गुरूवार की सुबह याकूब की फांसी को कुछ दिनों के लिए रुकवाने की कुछ वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की याचिका खारिज हो गई। अब इसके बाद कुछ ही घंटों में याकूब को फांसी लगना तय है।
राष्ट्रपति ने फिर ठुकराई याकूब मेमन की दया याचिका

राष्ट्रपति ने फिर ठुकराई याकूब मेमन की दया याचिका

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार की देर रात याकूब मेमन की दया याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रपति भवन से याचिका खारिज होने के बाद फांसी की सजा से बचने के सारे दरवाजे उसके लिए बंद हो चुके हैं। याकूब को गुरुवार की सुबह नागपुर में फांसी लगना अब लगभग तय है। हालांकि उसके वकीलों समेत देश के कई जाने माने वकीलों ने बुधवार की देर रात एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उधर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद नागपुर में याकूब की मृत्यु वारंट पर अमल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। आखिरी कोशिश के तहत प्रशांत भूषण समेत कई वकीलों ने चीफ जस्टिस से मिलने का समय मांगा।
मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

साधरण कद-काठी, साधारण चेहरा-मोहरा। सांवली रंगत लेकिन जन्मजात सहज अभिनय करने की कुशलता। यह हैं, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढाना में जन्में और पले-बढ़े नवाजुद्दीन सिद्दीकी। नवाजुद्दीन किसी बड़े फिल्मी परिवार से नहीं हैं, न ही उनका बॉलीवुड में कोई गॉडफादर रहा। अपने दम पर नाम और शोहरत कमाने वाले नवाजुद्दीन के लिए यह सब बहुत आसान नहीं था। मुजफ्फरनगर में रहते हुए जहां उनके पास मनोरंजन के लिए टीवी नहीं था, उन्होंने लोक कलाकारों के बीच तमाशा, रामलीला देखते हुए अपना बचपन बिताया। नवाजुद्दीन उन्हीं कलाकारों की तरह होना चाहते थे। वैसे ही बनना चाहते थे। पर कैसे यह उन्हें उस वक्त पता नहीं था। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से स्नातक के बाद उन्होंने कई तरह की नौकरियां कीं। यहां तक की चौकीदार की भी। फिर भी अभिनय की भूख थी कि खत्म नहीं हुई थी। विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत कर दिया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बारे में पता चला और बस अभिनय के गुर सीखने वह यहां चले आए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहते हुए उन्होंने कई नाटकों को करीब से जाना। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स पूरा करने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने कई नाटक किए और फिर वहीं चले आए, जो अभिनय की दुनिया में स्थापित होने के लिए मक्का है, मुंबई। एक लंबे संघर्ष के बाद खुरदुरे चेहरे वाला यह अभिनेता निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बनता जा रहा है। ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, बदलापुर, बजरंगी भाईजान के बाद अब सभी की निगाहें उनकी आने वाली फिल्म मांझी- द माउंटेनमैन पर टिकी हुई हैं।
याकूब पर दो जजों में नहीं बन पायी सहमति

याकूब पर दो जजों में नहीं बन पायी सहमति

1993 बम धमाकों में मिली फांसी की सजा पर रोक के लिए दायर याकूब मेमन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय जजों की एक पीठ ने सुनवाई की। दोनें पक्षों को सुनने के बाद पीठ के दोनों सदस्य जज किसी एक फैसले पर एकमत नहीं हो पाए। इस वजह से पीठ के दोनों जजों ने अलग अलग निर्णय सुनाया और मामले को मुख्य न्यायाधीश को सुनवाई के लिए हस्तांतरित किया। मुख्य न्यायाधीश ने मामले को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, प्रफुल्ल सी. पंत और अमिताव रॉय की पीठ को भेजा है जो 29 जुलाई को इसपर सुनवाई करेंगे।
खोदा पहाड़ निकली सफलता

खोदा पहाड़ निकली सफलता

बजरंगी भाईजान फिल्म में पाकिस्तानी पत्रकार चांद नवाब की भूमिका के बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी स्टार हो गए हैं। एक लंबे संघर्ष के बाद फिल्म उद्योग ने उन्हें सितारा हैसियत दे ही दी। लंच बॉक्स, पान सिंह तोमर में उन्होंने दर्शकों को प्रभावित किया था। अब अगले महीने उनकी फिल्म मांझी-द माउंटेनमैन आने वाली है। केतन मेहता की इस फिल्म का सभी को बेसब्री से इंतजार है।