राजस्थान के भाजपा विधायक ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की है। विधायक ने कहा कि एक भी किसान ऐसा नहीं है जिस पर कर्ज न हो। किसान अपने दूध सड़क पर फेंक रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है।
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के करीब 50 समर्थक आजम खान राष्ट्रवादी की अगुवाई में अचानक अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए और जल्द से जल्द राम मंदिर बनवाने की अपील की। मुसलिम समाज के विभिन्न क्षेत्रों से लोग गुरुवार शाम को अयोध्या पहुंचे और जुलूस की तरह सड़क पर ‘मुसलमानों हक और ईमान के साथ आओ, श्रीराम मंदिर का निर्माण कराओ’ के नारे लगाने लगे।
एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके निकलने वाले 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य करने लायक नहीं होते हैं। सर्वेक्षण देश के आईटी व डेटा विज्ञान परिदृश्य में प्रतिभाओं की भारी कमी की ओर संकेत करता है।
वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के तहत मामला चलाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश से बेपरवाह केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बुधवार को कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं है और पूरा मामला स्पष्ट है। उमा भारती ने संवाददाताओं से कहा, अयोध्या में भव्य राम मंदिर मेरा सपना है। भारत और राम मंदिर के लिए जेल जाने या फांसी के लिए भी तैयार हूं। उमा भारती रामलला का आशीर्वाद लेने के लिए बुधवार की रात अयोध्या जायेंगी।
काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।
दिल्ली के अधिकारों को लेकर आप सरकार और उपराज्यपाल की जंग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। कोर्ट ने गर्मियों की छुट्टियों के बाद इस मसले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के हवाले करने की बात कही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।