Advertisement

Search Result : "Assam flood crisis"

बेलआउट की शर्तों को ग्रीस ने नकारा, शेयर बाजारों में खलबली

बेलआउट की शर्तों को ग्रीस ने नकारा, शेयर बाजारों में खलबली

यूनान की जनता ने अंतरराष्‍ट्रीय अार्थिक मदद (बेलआउट पैकेज) की शर्तों को जनमत संग्रह में जोरदार तरीके से ठुकरा दिया है। इसके साथ ही यूनान और यूरोप की साझा मुद्रा के भविष्‍य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज के बदले खर्चों में कटौती की शर्तों को यूनान के 61 फीसदी लोगों ने 'ना' पर मुहर लगाकर नकार दिया। इस फैसले के बाद यूनान के यूरोजोन से बाहर होने की आशंका बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज की शर्तों के खारिज होने का सीधा मतलब है कि आईएमएफ और यूरो‍पीय संघ से कर्ज के लिए चल रही यूनान की वार्ता को झटका लगेगा।
यूनान संकट: भारत और दुनिया के लिए सबक

यूनान संकट: भारत और दुनिया के लिए सबक

जहां तक यूनान के मौजूदा संकट का सवाल है, इससे जुड़े मजाक की भी अपनी-अपनी विचारधाराएं हैं। एक प्रचलित चुटकुले का पूंजीवादी संस्करण इस प्रकार है। डच होने की पहचान यह है कि एक रेस्तरां में एक टेबल पर साथ में खाना खाए लोग मिलकर बिल का भुगतान करते हैं जबकि ग्रीक होने का मतलब है खाना खा लेने और शराब पी लेने के बाद जब सभी उठते हैं तो पता चलता है कि बिल देने के लिए किसी के पास पैसे नहीं हैं। इसी लतीफे का समाजवादी संस्करण यह है कि जिन लोगों ने खाने का आर्डर दिया है उन्हें पता चलता है कि उनका खाना रेस्‍तरां का मालिक खा गया और अब बिल उनको भरना है।
ग्रीस संकट से गिर सकता है ‌रुपयाः रघुराम राजन

ग्रीस संकट से गिर सकता है ‌रुपयाः रघुराम राजन

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन को आशंका है कि ग्रीस संकट के कारण रुपये की सेहत बिगड़ेगी। हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि भारतीय अर्थव्यवस्‍था जोर पकड़ने लगी है।
ग्रीस में बैंकों पर ताले, सेंसेक्स भी हिला

ग्रीस में बैंकों पर ताले, सेंसेक्स भी हिला

ग्रीस में सोमवार से एक सप्ताह तक सभी बैंक बंद रहेंगे क्योंकि वहां का आर्थिक संकट गहरा गया है। ग्रीस को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कर्ज का भुगतान करने के लिए 30 जून तक का समय दिया है और इसे देखते हुए सरकार ने एटीएम से सिर्फ 60 यूरो यानी 65 डॉलर निकालने की पाबंदी लगा दी है।
पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
जम्मू के बाढ़ पीड़ित किसानों को 32 रुपये का मुआवजा

जम्मू के बाढ़ पीड़ित किसानों को 32 रुपये का मुआवजा

सन 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ से अब तक उबर नहीं पाए जम्मू के किसानों को उस समय एक और झटका लगा जब राज्य सरकार की ओर से उन्हें महज 32 रुपये से लेकर 113 रुपये की राशि वाला चेक प्रदान किया गया।
केदारनाथ त्रासदी के नाम पर लूट

केदारनाथ त्रासदी के नाम पर लूट

उत्तराखंड में जून 2013 में आई विनाशकारी बाढ़ से मची तबाही के दौरान हजारों लोग कई दिनों तक भूखे रहने को मजबूर थे, बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे, सर्दी- बीमारी काल बन निगल रही थी, उस वक्त राहत के काम में जुटे राज्य सरकार के अधिकारी मटन, चिकन और बेहतरीन खाने का लुत्फ उठा रहे थे। सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के जरिये हुए इस सनसनीखेज खुलासे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।