नागर विमानन प्राधिकार की स्थापना को लगभग खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज कहा कि उन्हें नियामक का सिर्फ नाम बदलने की कोई जरूरत नहीं दिखती।
सरकार ने हवाई किरायों में मनमाने ढंग से बढ़ोत्तरी की यात्रियों की शिकायतों के मद्देनजर किरायों पर अधिकतम सीमा लागू करने की संभावना से गुरुवार को इनकार किया और कहा कि विमानन कंपनियों के के बीच की प्रतिस्पर्धा इस समस्या का हल निकाल लेगी। नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि हवाई किरायों की सीमा तय किया जाना कारोबार की दृष्टि से कोई अच्छी बात नहीं होगी।
असम जीतने के बाद भाजपा का अब सारा ध्यान उत्तर प्रदेश में है, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। अगर यहां पार्टी कामयाब होती है तो उसे 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए एक नया विश्वास मिल जाएगा। भाजपा अब अपनी सारी रणनीति इसी राज्य काे ध्यान में रखते हुए तैयार कर रही है।
आलोचक वैभव सिंह को 20 वां देवी शंकर अवस्थी सम्मान उनकी पुस्तक, भारतीय उपन्यास और आधुनिकता के लिए दिया गया। आलोचना की यह पुस्तक आधार प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
अरुणाचल प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात से पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वहां राष्ट्रपति शासन खत्म करने की सिफारिश कर डाली है। कांग्रेस का मानना है कि बतौर मुख्यमंत्री कलीखो पुल के शपथग्रहण के लिए उठाया जाने वाला कोई भी कदम असंवैधानिक होगा और इसी सिलसिले में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने वाला है।
केंद्रीय भूतल परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि देश में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई को 96 हजार से बढ़ाकर दो लाख किलोमीटर करने का फैसला किया है।
कल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी के दिन उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे पर आधारित पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम का नवगठित गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने विरोध किया है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
स्त्री अस्मिता को लेकर भारत में शुरू हुए स्त्रीवादी आंदोलनों और महिला अधिकारों की बहसों की शुरुआत के बाद से स्त्रीवादी कविता में उसके सरोकारों की भी बात होने लगी। हालांकि, उसके पहले भी स्त्रीवादी कविताएं लिखी जाती थीं, लेकिन तब उसमें स्त्री अधिकारों और सरोकारों की बातें कम होती थीं, स्त्री सौंदर्य और स्त्री प्रेम की बातें ज्यादा होती थीं।