देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक बार फिर पलटवार किया है। केजरीवाल के हमले के एक दिन बाद ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने आज कहा कि आप नेता बस ड्रामा चाहते हैं जबकि राजग सरकार शासन में यकीन करती है।
दिल्ली में उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच छिड़े विवाद में केंद्र सरकार के भी कूद पड़ने पर उद्योग संघ ने कड़ी टिप्पणी की है। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी की जनता ने अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए केजरीवाल सरकार को चुना है, लोगों को संविधान में लिखे शब्दों से कोई लेना-देना नहीं है।
दिल्ली के उप राज्यपाल की भूमिका और शक्तियों को स्पष्ट करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र सरकार का यह कदम भाजपा की घबराहट का द्योतक बताया है।
दिल्ली के अफसरों की लगाम किसके हाथ में रहेगी, इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच टकराव तेज होता जा रहा है। बुधवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग इंडस्ट्री पर निशाना साधा है। सिसौदिया का कहना है कि ईमानदार अफसरों की नियुक्ति से ट्रांसफर इंडस्ट्री चलाने वाले लोगों को दर्द हो रहा है। इस मसले में उन्होंने रिटायर्ड आईएएस अफसरों को भी आड़े हाथों लिया है।
उपराज्यपाल के खिलाफ अपनी जंग को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को उनसे कहा कि शहर की सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए।
आप सरकार से टकराव बढ़ाते हुए उपराज्यपाल नजीब जंग ने सरकार द्वारा पिछले चार दिन में की गई सभी नियुक्तियों को आज रद्द कर दिया और कहा कि नौकरशाहों के स्थानांतरण और नियुक्ति का आदेश देने के मामले में अधिकार केवल उनके पास हैं।
दिल्ली के संवैधानिक संकट के मसले पर आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलेंगे। अगर आज भी यह मामला नहीं सुलझा तो दिल्ली का संवैधनिक संकट और गहरा जाएगा। उधर दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। इस बीच दिल्ली सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगर अफसरों की मनमानी और केंद्र सरकार का दखल ऐसा ही रहा तो सरकार विशेषज्ञों की राय से सरकार चला सकती है।
मौसम की गर्मी के साथ दिल्ली का सियासी पारा भी चरम पर पहुंच चुका है। इसकी गर्माहट रायसीना हिल पर बसे राष्ट्रपति भवन में तब ज्यादा महसूस की गई जब दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर एक-दूसरे की जमकर शिकायत की।