वित्त मंत्री अरुण जेटली की संपत्ति वित्त वर्ष 2015-16 में 2.83 करोड़ रुपये कम हो गई। बैंक खाते में नकदी कम होने से उनकी संपत्ति 68.41 करोड़ रुपये रह गई।
अभी टाइम्स नाऊ के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्वामी द्वारा लिए गए पीएम मोदी के इंटरव्यू पर बहस समाप्त ही नहीं हुई थी कि पीएम माेदी के एक और इंटरव्यू की चर्चा सोशल मीडिया में चर्चा का केंद्र बन गई है। यूएई में रहने वाले एक जर्नलिस्ट ने मोदी का इंटरव्यू लेने का अनुभव फेसबुक पर शेयर किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इंटरव्यू से पहले सवाल अपने पास मंगाते हैं।
केंद्र में सत्ताशीन भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष के नेताओं के बीच तनाव और कड़वाहट की खबरें मीडिया में आए दिन सुर्खियां बनती रहती हैं। लेकिन कभी-कभार ऐसे मौके दिख जाते हैं, जब राजनीतिक नेता निजी संबंधों को अहमियत देने की परंपरा निभाते नजर आते हैं। हाल में दिल्ली में कुछ ऐसे राजनीतिक आयोजन हुए, जिनमें कट्टर विरोधी एक-दूसरे से हंसते-बोलते दिखे। शुरुआत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की, जो दो दिनों के लिए दिल्ली दौरे पर आए और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह एवं केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं से बाहें खोलकर मिले-बतियाए।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात की। केंद्रीय बैंक तथा सरकार नीतिगत ब्याज दर निर्धारण की नई व्यवस्था तुरंत स्थापित करना चाहती है, संभवत: यह मुलाकात इसी संदर्भ में हुई है।
विश्वबैंक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की गुरुवार को सराहना की और कहा कि भारत में कारोबार में सुगमता बढाने पर दिये जा रहे बल से यह देश एक आकर्षक स्थल के रूप में उभरा है।
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को कुमार संगकारा की सर्वकालिक एकादश सूची में जगह नहीं मिली है जबकि श्रीलंका के इस पूर्व क्रिकेट कप्तान ने अपनी टीम में राहुल द्रविड़ के रूप में एकमात्र भारतीय को चुना है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली सुब्रमण्यम स्वामी के मसले को लेकर मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। स्वामी ने हाल ही में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन सहित अन्य आर्थिक विशेषज्ञों पर ऊंगलियां उठार्इ थी। उन्होेंने जेटली पर भी प्रहार किया था।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दिया। जिस पर सोशल मीडिया में चर्चा जारी है। अधिकांश लोगों की राय है कि ज्वलंत मसलों पर टाइम्स नाउ के अर्नब गोस्वामी ने पीएम मोदी को अटैैक नहीं किया। लिहाजा यह इंटरव्यू भी एक खानापूर्ति ही साबित होकर रह गया।
सुब्रह्मण्यन स्वामी के लगातार आरोपों से अब भाजपा के भी कुछ नेता परेशान हो गए हैं। उन्होंने मांग की है कि स्वामी को बेकार के बयान देने से रोका जाए। इनकी राय है कि स्वामी के आरोपों से सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। उसके कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं स्वामी को अब पार्टी चुप रहने की हिदायत दे सकती हैं।