राष्ट्रपति चुनाव की निर्वाचन प्रक्रिया के साथ ही एनडीए व यूपीए ने कसरत तेज कर दी है। भाजपा की कोर समिति की बैठक में 23 जून को एनडीए उम्मीदवार के नाम की घोषणा पर फैसला हुआ। आम सहमति बनाने के लिए भाजपा की गठित समिति शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात करेगी। वहीं यूपीए में अभी उम्मीदवार को लेकर माथा पच्ची ही चल रही है।
देश के विभिन्न हिस्सों में एक ओर जहां कर्ज माफी को लेकर किसान आंदोलित हो रहे हैं, तो वहीं इसी बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र इस मुद्दे पर किसानों की कोई मदद नहीं करेगा। रविवार को महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है। वहीं, मध्यन प्रदेश में भी किसान अपनी तमाम मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। उन्होंने प्रश्न करते हुए कहा कि भाजपा ने चुनावी वादे क्या सरकार बनाने के लिए ही किए थे।
राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर सोनिया गांधी के बुलाए भोज में आज 17 विपक्षी दल शिरकत कर किए। इस भोज में 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल को नहीं बुलाया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भोज में आने से पहले ही मना कर दिया था। बैठक खत्म होने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बताया कि राष्ट्रपति के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई।
आल इंडिया किसान सभा का कहना है कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना के तहत घोटाला किया जा रहा है। सभा का कहना है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली को किसानों के बकाया दावो के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए।
ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष बंटा नजर आया। ईवीएम से टेपरिंग की बात कर रहे सौरभ भारद्वाज अब वीवीपैट से चुनाव कराने की बात कर रहे हैं तो बसपा बैलेट पेपर से चुनाव के हक में हैं। जदयू के के सी त्यागी ने आयोग से चुनाव को लेकर विश्वास बहाल करने को कहा है। इस दौरान आयोग ने ईवीएम से सिक्योरिटी फीचर को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया।
चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। 16 विपक्षी पार्टियों की तरफ से ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाने के बाद आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया था।
एक मई से रेरा एक्ट लागू हो गया है। रीयल इस्टेट सेक्टर में हो रही मनमानी के मद्देनजर ‘द रीयल इस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016’ (रेरा) को प्रभावी किया गया है।