कालेधन पर अबतक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने 8 महीने लंबी पड़ताल के बाद पनामा की कानूनी फर्म मोसाक फोंसेका के करीब एक करोड़ दस लाख लीक दस्तावेजों के जरिये यह साबित किया है कि कम से कम 500 भारतीयों ने दुनिया के टैक्स चोरों के स्वर्ग समझे जाने वाले देशा में अपनी काली कमाई छिपा रखी है।
नैनिताल उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए एक समानांतर प्रक्रिया शुरू की, जिसका अभी तक कोई उदाहरण नहीं मिलता, पहली बार राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत होगा बहुमत परीक्षण
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अभी तक शेयर बाजारों से 9,500 करोड़ रुपये की निकासी की है। वैश्विक वृद्धि को लेकर चिंता तथा कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से यह निकासी हुई है।
सरकार ने शहरी इलाकों में ठोस कचरे से बनी खाद की बिक्री पर 1,500 रुपये प्रति टन की मदद को आज मंजूरी दे दी। किसान इस खाद का इस्तेमाल जैविक उर्वरक के रूप में कर सकते हैं। केंद्रीय उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। इस बाजार विकास सहायता से किसानों के लिए कंपोस्ट खाद की खुदरा कीमत में कमी आने की उम्मीद है।
शुरुआत में फीके रुझान के बावजूद केंद्र सरकार की स्वर्ण मौद्रिकरण योजना कामयाब होती नजर आ रही है। इस योजना के तहत अब तक घर या मंदिरों में रखा 500 किलोग्राम से ज्यादा सोना सरकार को मिल चुका है।
हर व्यक्ति का पीठ के पीछे एक नाम होता है। चेपू, चाटू, सर्किट, भयंकर। आपका भी जरूर होगा। पर आजकल तो बस दो ही विशेष नाम फैशन में हैं। जरा इन सवालों और उनके जवाबों पर नजर डालिए और पता कीजिए क्या हैं आप।
कांग्रेस सांसद शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में एफबीआई जांच रिपोर्ट में आज एक नया खुलासा सामने आया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि सुनंदा की मौत किसी प्रकार के जहर से नहीं हुई थी।
बाएं हाथ के 37 वर्षीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। लेकिन उन्हें हमेशा इसी बात के लिए याद किया जाएगा कि उन्होंने ही भारतीय गेंदबाजों में विश्वास भरा कि रिवर्स स्विंग पाकिस्तानी गेंदबाजों की बपौती नहीं है।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से जो छात्र डाॅक्टर बनकर निकल रहे हैं, उसमें से 54 प्रतिशत डाॅक्टर विदेश चले जाते हैं और लौटकर भारत नहीं आते। रिपोर्ट यह भी कहती है कि हिन्दी माध्यम से स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने वाले छात्र जब एम्स जैसी संस्था में पढ़ने जाते हैं, तो भाषाई स्तर पर पिछड़ने की वजह से उनमें से कई तो आत्महत्या तक कर लेते हैं। यही वजह है कि अब एमबीबीएस की परीक्षा हिंदी में कराने की मुहिम तेज हो गई है।