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सीबीआई ने एम्ब्रायर सौदे में कथित रिश्वतखोरी की जांच शुरू की

सीबीआई ने एम्ब्रायर सौदे में कथित रिश्वतखोरी की जांच शुरू की

सीबीआई ने ब्राजील की कंपनी एम्ब्रायर से 20.8 करोड़ डॉलर के तीन विमानों की आपूर्ति के लिए बिचौलिये को कमीशन दिए जाने के आरोपों की तफ्तीश शुरू कर दी है। इसके लिए सीबीआई ने प्रीलिमनेरी इन्क्वायरी दर्ज की। हवाई निगरानी प्रणाली के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को इन विमानों की आपूर्ति करनी थी।
'इंडिया इन ए डे' में एक निरंतर परिवर्तनशील राष्ट्र की झलक

'इंडिया इन ए डे' में एक निरंतर परिवर्तनशील राष्ट्र की झलक

रिची मेहता की बेहद जीवंत और दिल को छू लेने वाली डॉक्यूमेंट्री इंडिया इन ए डे उन अनोखे नाम वाली फिल्मों में शुमार है जिन्हें 41वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाया जाना है।
एम्ब्रेयर विमान सौदा: रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई और ईडी से जांच करने को कहा

एम्ब्रेयर विमान सौदा: रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई और ईडी से जांच करने को कहा

रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को सप्रंग सरकार के कार्यकाल में हुए 20.8 करोड़ डॉलर के एम्ब्रेयर विमान सौदे में रिश्वत लिए जाने के आरोपों की जांच करने को कहा है। यह सौदा वर्ष 2008 में ब्राजील के विमान निर्माता एम्ब्रेयर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच हुआ था।
सचिन ने बिजनेस पार्टनर के मसूरी में अवैध निर्माण पर रक्षा मंत्री से मदद मांगी

सचिन ने बिजनेस पार्टनर के मसूरी में अवैध निर्माण पर रक्षा मंत्री से मदद मांगी

भारत रत्‍न सचिन तेंदुलकर भी विवादों में घिरते नजर आ रहेे हैं। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार सचिन तेंदुलकर ने मसूरी में अपने दोस्‍त और बिजनेस पार्टनर संजय नारंग के एक अवैध निर्माण को बचाने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मदद की गुजारिश की थी। नारंग नेे मसूरी में भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्‍थान डीआरडीओ काम्‍प्‍लेक्‍स के पास सुरक्षा के लिहाज से नो कंस्‍ट्रक्‍शन जोन में रिसार्ट बनाया है। इस अवैध निर्माण को बचाने के लिए ही सचिन ने पर्रिकर से मदद मांगी थी।
डीआरडीओ विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा को तैयार : महानिदेशक

डीआरडीओ विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा को तैयार : महानिदेशक

रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार के बाद सरकार द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ का कहना है कि वह विदेशी कंपनियों के साथ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है बल्कि अपने उत्पादों के निर्यात को भी तैयार है।