सुप्रीम कोर्ट लगातार जनता को विश्वास दिला रही है कि कानून के सामने बड़े से बड़ा अपराधी, सरकार में बैठे मंत्री या नेता, खेल राजनीति के शीर्ष संगठन बराबर हैं। उनकी सत्ता न्यायालय के दरवाजे पर बौनी है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने कानून मंत्रालय से ऐसे कामकाज से राहत देने के लिए आग्रह किया है, जिससे परहेज किया जा सकता हो। सीजेआई ने कानून मंत्रालय से इसके लिए तंत्र तैयार करने की गुजारिश भी की है। ठाकुर ने कहा कि सरकार के विभागों द्वारा निर्णय लेने में उदासीनता और अक्षमता दिखाने की वजह से ‘अनावश्यक बोझ’ पैदा होता है।
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को झटका देते हुए राज्य में लागू शराबबंदी कानून को रद्द कर दिया है। राज्य में शराबबंदी के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है।
शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन नहीं करने पर बीसीसीआई के अध्यक्ष और सचिव सहित अन्य शीर्ष अधिकारियों को हटाने की मांग वाली लोढ़ा समिति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेशों का पालन करने को कहा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बुधवार को प्रदेश के सभी जिले के डीएम, एसएसपी, एसपी के साथ बैठक में उन्होने निर्देश दिया कि अगर किसी जिले में कानून-व्यवस्था खराब होगी तो इसके लिए डीएम और एसएसपी जिम्मेवार होंगे।
कांग्रेस अब महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के संघ से रिश्ते के प्रमाण एकत्रित करने में लगी हुई है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ जो कुछ भी कहा है, वह उसके ट्रायल के लिए तैयार हैं। गांधी के वकील कपिल सिब्बल की योजना महाराष्ट्र के कांग्रेस कार्यकर्ता राजेश कुंटे से बहस की मांग करने की है।
देश की दस बड़ी ट्रेड यूनियन आज हड़ताल पर हैं। इससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। इस राष्टृव्यापी हड़ताल से निपटने के लिए सरकार ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि वह लोगों को असुविधा से बचाने के लिए कड़े कदम उठाए।
सरकार चिकित्सा उपकरण उद्योग के प्रोत्साहन व नियमन के लिए एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा सरकार का इरादा आयातित उपकरणों पर शुल्क ढांचे को तर्कसंगत बनाने का है, जिससे लोगों को उचित कीमत पर स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जा सके।
विभिन्न धर्मों और पंथों से नाता रखने वाले करीब 25 धार्मिक समूहों के प्रमुखों ने केन्द्र से अनुरोध किया है कि वह गंगा के संरक्षण के लिए नया कानून बनाए। गंगा दुनिया की उन नदियों में शामिल है जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है।