राजस्थान सरकार ने प्रभारी मंत्रियों को भले ही बाढ़ प्रभावित जिलों में भेज दिया हो, मगर वे भी इस आपदा से प्रभावित लोगों की सीमित मात्रा में ही मदद का आश्वासन दे पा रहे हैं।
देश के कई हिस्सों में पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। राजस्थान के साथ-साथ गुजरात में भी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इस स्थिति में अब एनडीआरएफ के साथ ही सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है।
लगातार हो रही बारिश के चलते देश के कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हिमाचार प्रदेश में बारिश के कारण फिर से भूस्खलन हुआ। असम में भी बाढ़ के हालात गंभीर बने हुए हैं और देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में रविवार को भी बारिश जारी रही। गुजरात के मोरबी जिले के टनकारा तालुका में अधिक बारिश होने से कई डैम में जलस्तर बढ़ गया जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। राजस्थान के जोधपुर में मूसलाधार बारिश से दोपहिया वाहन सड़कों पर तैरते नजर आए। लोगों ने दुकानें नहीं खोली और घरों में कैद रहे। मानसून की पहली बारिश में सड़कों पर नदी नालों की तरह पानी बहा। इसमें बहती गाड़ियों को पकड़ने के लिए लोग मशक्कत करते रहे।
महाराष्ट्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाले किसानों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद आज अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। ये किसान महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी और फसलों के बेहतर दाम की मांग कर रहे थे।
श्रीलंका में मूसलाधार बारिश के बाद आई भारी बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 91 लोगों के मरने जबकि 110 लोगों के लापता होने की खबर है। साल 1970 के बाद यह अब तक की सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा है। श्रीलंका में तुरंत राहत पहुंचाने के लिए आईएनएस किर्च को कोलंबो की ओर रवाना कर दिया गया है।
एक तरफ जहां मोदी सरकार तीन साल पूरे होने पर जश्न मना रही है, वहीं कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ने जश्न के नाम पर 2000 करोड़ रूपए खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 3 साल को 'भाषण और आश्वासन, ये है मेरा शासन' के रूप में समझा जा सकता है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कहा कि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने देश में प्रवासियों को अनुमति देकर एक भयावह गलती की है। ट्रंप ने शरणार्थी संकट को पहले से मौजूद परेशानियों को और बढ़ाने वाला कारक बताते हुए कहा कि इसी वजह से पिछले साल ब्रिटेन में यूरोपिय संघ से अलग होने के लिए मतदान हुआ था।