भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयर बाजार में एक बड़े फ्रंट रनिंग मामले का भंडाफोड़ करते हुए ब्रोकरेज कंपनी शेयरखान और 15 अन्य इकाइयों से 15 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को जब्त करने का आदेश दिया है। एक दिन पहले ही फ्रांसीसी कंपनी बीएनपी परिबा ने घरेलू ब्रोकरेज फर्म शेयरखान का अनुमानत: 2,000 करोड़ रुपये के सौदे में अधिग्रहण करने की घोषणा की है।
सीसीआई ने आज कार कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए अपने एक आदेश में हुंडई मोटर इंडिया पर भारी जुर्माना लगाया है। साथ ही कई कंपनियों को प्रतिस्पर्धा रोधी व्यवहारों से बाज आने और कलपुर्जों को खुले बाजार में बेचने की अनुमति देने का आदेश भी दिया ।
बिहार चुनाव के लिए सूरत से तैयार की जा रही मोदी साड़ी को बड़ा घोटाला बताया है जनता दल यूनाइटेड ने। उसका कहना है कि यह 200 करोड़ रुपये से पड़ा घोटाला है। इस बाबत चुनाव आयोग तक जा सकती है पार्टी
भारतीय फुटबाल कप्तान सुनील छेत्री इंडियन सुपर लीग के लिए खिलाडि़यों की पहली नीलामी में सबसे महंगे बिके। उन्हें मुंबई सिटी एफसी ने एक करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा। जबकि यूजेनेसन लिंगदोह और रिनो अंटो को बेसप्राइज से कई गुना अधिक कीमत मिली।
बीसीसीआई ने बुधवार को संकेत दिया कि वह पूर्व आईपीएल टीम कोच्चि टस्कर्स के पक्ष में दी गई पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर. सी. लाहोटी की रिपोर्ट के खिलाफ अपील करेगा। बोर्ड ने कथित तौर पर अनुबंध के उल्लंघन के आरोप में कोच्चि टस्कर्स का करार 2011 में भंग कर दिया था।
व्यापामं घोटाले की जांच से जुड़े जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डाॅ. अरुण शर्मा की रहस्यमय हालत में मौत हो गई है। करीब एक साल पूर्व डीन भी इसी तरह संदिग्ध हालत में मृत पाए गए थे, जिसका राज आज तक नहीं खुला है। कहा जा रहा है कि डॉ. शर्मा ने दो दिन पहले ही व्यापमं से जुड़े 200 दस्तावेज एसटीएफ को सौंपे थे। एक दिन के अंदर व्यापमं से जुड़ी दो मौतों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
संसद में पेश सीएजी (कैग) की ड्राफ्ट रिपोर्ट में पहले 22,842 करोड़ रुपये का रिलायंस जियो को 'अनुचित लाभ’ देने की बात कही गई मगर फाइनल रिपोर्ट में आश्चर्यजनक रूप से यह रकम घटकर 3,367 करोड़ रुपये हो गई। दिलचस्प यह है कि आरबी सिन्हा, जिनकी निगरानी में ये ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार हुई, उनका इसी महीने तबादला हो गया।
सलमान चाहें तो सन 2015 को मुकदमे वर्ष के रूप में मना सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने के लिए उनके पास पर्याप्त कारण हैं। मुकदमे तो उन पर बहुत से हैं, पुराने भी हैं पर इस बार वह जितनी बार अदालत गए, पेशी के लिए समय निकाला उतनी बार वह कभी अदालत नहीं गए।