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अफ्रीकियों पर हमला: वी के सिंह बोले, मीडिया ने मामूली झड़प को बढ़ा कर दिखाया

अफ्रीकियों पर हमला: वी के सिंह बोले, मीडिया ने मामूली झड़प को बढ़ा कर दिखाया

केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में अफ्रीकी नागरिकों पर हुए हमले मामूली झड़प थे जिसे मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। हालांकि इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की। जिसके बाद राजनाथ सिंह ने दिल्ली पुलिस को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वहीं पुलिस ने राजधानी में अफ्रीकियों पर हुए ताजा हमलों के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार करने के साथ चार अन्य को हिरासत में लिया है।
सोशल मीडिया पर भिड़े खेर और नसीर  समर्थक

सोशल मीडिया पर भिड़े खेर और नसीर समर्थक

ए वेडनसडे फिल्म में साथ काम कर चुके अभिनेता अऩुपम खेर पर नसीरुद्दीन शाह के बीच ठन गई है। शाह ने खेर पर निशाना साधते हुए कहा कि जो कभी कश्मीर में नहीं रहा वो आज कश्मीरी पंडितों की लड़ाई लड़ रहा है। जो कश्मीर में रहा ही नहीं वह अचानक से विस्थापित कैसे हो सकता है।
चर्चाः शाह की चुप्पी की सलाह कितनी जायज

चर्चाः शाह की चुप्पी की सलाह कितनी जायज

ताकत मौन में या मीडिया के पास? मीडिया कहां चुप रहे, कहां मुंह खोले और कहां ध्यान दे? सत्ता में आने के बाद अधिकांश राजनेता मीडिया को नई राह दिखाने की कोशिश करते हैं। पत्रकारिता की ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने वाले एक वर्ग के कारण मीडिया को घेरने की गुंजाइश बनती है।
राजन की पुनर्नियुक्ति के सवाल पर मोदी ने मीडिया को दी नसीहत

राजन की पुनर्नियुक्ति के सवाल पर मोदी ने मीडिया को दी नसीहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की पुनर्नियुक्ति प्रशासनिक विषय है और इसमें मीडिया को रुचि नहीं होनी चाहिए। हाल के महीनों में राजन पर लगातार हमलों के बीच प्रधानमंत्री ने पहली बार इस पर टिप्पणी की है।
अम्‍मा की जीत और नेहरु की तरफदारी, मप्र के दो कलेक्‍टरों से भाजपा नाराज

अम्‍मा की जीत और नेहरु की तरफदारी, मप्र के दो कलेक्‍टरों से भाजपा नाराज

भााजपा शासित मध्‍य प्रदेश के दो कलेक्‍टर फेसबुक और ट्विटर पर राजनैतिक टिप्‍पणी करके फंस गए हैं। उनके आला अफसरों ने कहा है कि अगर ये दोनों अफसर नियमों के तहत दोषी पाए गए तो इन पर कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय छोड़ अमेरिकी मीडिया को मोदी ने दिया इंटरव्यू

भारतीय छोड़ अमेरिकी मीडिया को मोदी ने दिया इंटरव्यू

सत्ता की सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को इंटरव्यू दिया है। यह इंटरव्यू मंगलवार की शाम को प्रधानमंत्री आवास के अहाते में लिया गया और आज जारी किया गया है। भारत के तमाम मीडिया घराने इंतजार में बैठे रह गए। यहां तक कि सरकारी आकाशवाणी और दूरदर्शन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुखपत्र कहे जाने वाले पांचजन्य और ऑब्जर्वर से भी उन्होंने बातचीत नहीं की। इंटरव्यू की दौड़ में द पॉयनियर भी पिछड़ गया, जिसके संपादक चंदन मित्रा हैं। वे भाजपा के राज्यसभा सांसद भी हैं।
‘दैवीय नहीं है विकलांगता, मत कहिए दिव्यांगजन’

‘दैवीय नहीं है विकलांगता, मत कहिए दिव्यांगजन’

विकलांग व्यक्तियों को संबोधित करने के लिए दिव्यांग शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति प्रकट करते हुए एक विकलांग अधिकारवादी संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विकलांग सशिक्तकरण विभाग में विकलांगजन शब्द के स्थान पर दिव्यांगजन लिखने से संबंधित अधिसूचना वापस लेने की अपील की है।
‘मुझसे सहमत नहीं हो तो मुझसे बहस करो, मेरी देह और चरित्र को गाली न दें’

‘मुझसे सहमत नहीं हो तो मुझसे बहस करो, मेरी देह और चरित्र को गाली न दें’

सोशल मीडिया पर बेबाक महिलाओं के खिलाफ सेक्सुअल ट्रोलिंग पहले से कहीं ज्यादा हो रही है। पहले इतना नहीं था। ट्रोलिंग करने वालों को बल मिल रहा है। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने एक मंच पर अपने साइबर योद्धाओं को सम्मानित किया था। उन्हें सम्मानित करना बताता है कि इन साइबर योद्धाओं को सरकार का समर्थन हासिल है। जिस तरह से ये लोग सोशल मीडिया पर कुछ लिबरल महिलाओं को टारगेट कर रहे हैं, भद्दी गालियां दे रहे हैं वह अविश्वसनीय है।
यूपी: बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण शिविर के बचाव में उतरे नाईक

यूपी: बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण शिविर के बचाव में उतरे नाईक

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के लिए हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का राज्यपाल राम नाईक ने बचाव किया है। अयोध्या में बजरंग दल के प्रबंधन वाले कुछ विद्यालयों में आयोजित शिविरों में भगवा कार्यकर्ताओं के हाथों में राइफल, हथियार और लाठियों वाले फोटो सोशल मीडिया और खबरिया चैनलों पर प्रसारित होने के बाद यह मामला सामने आया।
‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

फेसबुक और ट्विटर संवाद बनाने का जरिया है। मैंने अपने फेसबुक पर ऐसी सेटिंग्स की हुई थी कि मेरी वॉल पर कोई दूसरा कुछ लिख नहीं सकता था। बहुत से लोगों ने मुझसे कहा कि आप अपनी सेटिंग्स बदल दें ताकि हम आपसे संवाद में शामिल हो सकें। मैंने ऐसा कर दिया। कुछ समय पहले मैंने जेएनयू और जादवपुर यूनिवर्सिटी की छात्राओं पर लगे फ्री सेक्स के आरोप पर एक लेख लिखा। मैंने लिखा- ‘लड़कियों को फ्री सेक्स की गाली क्यों दी जाती है, पुरुषों को क्यों नहीं? क्योंकि माना जाता है कि पुरुषों को फ्री सेक्स का हक है।’ पुरुषों के लिए फ्री सेक्स कॉम्लीमेंट जैसा है। सही मायने में राजनीतिक तौर पर बेबाक महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए उन्हें रं...या फ्री सेक्स करने वाली कहा जाता है। मेरा यह लेख काफी शेयर हुआ। मैंने इसे अपनी फेसबुक वॉल पर भी शेयर किया। मेरे इस लेख में किसी ने कमेंट किया कि ‘तेरी मां भी फ्री सेक्स करती होगी?, तेरा बाप कौन है तू जानती भी नहीं.. ’ मेरी मां ने इसका जवाब दिया- ‘हां, मैंने फ्री सेक्स किया है। फ्री नहीं किया तो वह बलात्कार होता। फ्री का मतलब सहमति से सेक्स करना है, किसी को बंधक बनाकर सेक्स करना बलात्कार होता है।’ इसी से गालियों का सिलसिला शुरू हो गया। मेरे पिता, पति, भाई, बहन, मां सभी को गालियां और मुझे बलात्कार की धमकी दी गई।
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