पंजाब में पिछले दिनों सिखों से जुड़े कुछ मुद्दों पर विवाद खड़ा हो जाने के बाद सोमवार को क्षमा मांगने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने बरतन साफ किए। स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के बाद पत्रकारों से बता करते हुए केजरीवाल ने कहा कि अनजाने में हम लोगों से कुछ गलतियां हो गई थीं, उसी का पश्चाताप करने हम यहां आए हैं। क्षमायाचना के लिए हमने दरबार साहेब की सेवा की। सेवा करने से हमें तृप्ती और बहुत शांति मिली।
छह दिवसीय संघ की बैठक इन दिनों चर्चा में है। मिशन यूपी और मिशन मंदिर पर भी मंथन हो रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्यक्रम और उद्देश्यों के बारे में बात की।
पंजाब में युवाओं के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र के मुख्य पृष्ठ पर स्वर्ण मंदिर की तस्वीर का इस्तेमाल करने और इस पर अपने चुनाव चिह्न ‘झाड़ू’ की तस्वीर छापने के मामले में पार्टी खासी आलोचना हो रही है।
पूरे ओडि़शा और उसके बाहर भी बुधवार को भगवान जगन्नाथ के मंदिरों में रथयात्राएं निकाली गयीं लेकिन गंजाम के मरदा में 300 साल पुराने मंदिर में यह अनुष्ठान नहीं हुआ। मरदा के इस मंदिर में कोई देवी-देवता नहीं है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए मंदिर तोड़ने पहुंचे निगम के दस्ते को वापस भेज दिया। नेताओं के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा, शिवसेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन मंदिर को तोड़े जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करा पाने के लिए हमर संगवारी संस्था ने निगम प्रशासन को दोषी बताया है।
अक्सर विवादित और भड़काऊ बयान देने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण पर जबरदस्त हुंकार भर दी है। उन्हाेंने धमकी भरे लहजे में कहा कि राम मदिर का निर्माण करने से अब कौन रोकेगा, जब चाहें तब मंदिर का निर्माण कर लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आंध्रप्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर समेत छह देवालयों के नाम डी-मैट खाते खोले जायेंगे। इन खातों के खुलने के बाद भक्त अपने इष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे जिससे मंदिरों की आय में इजाफा होगा।