कांग्रेस ने संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किए गए 21 आप विधायकों की सदस्यता खत्म करने के साथ ही नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी इस्तीफा मांगा है।
अगले साल निर्धारित मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना नेतृत्व को गलत ढंग से पेश करती सोशल मीडिया पोस्टों के वायरल होने से भाजपा और शिवसेना के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि सोशल मीडिया पर ये पोस्ट भाजपा के खिलाफ शिवसेना की टीका-टिप्पणियों के जवाब में डाली गई हैं।
राजनीति में लगातार हाशिए पर जा रही कांग्रेस पार्टी को दोबारा जीत के रास्ते पर लाने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जा सकते हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की कमान अब उपाध्यक्ष राहुल गांधी संभालने वाले हैं। कई कांग्रेसी नेताओं की राय है कि पार्टी को नए सिरे से खड़े करने के लिए कई अहम बदलाव की आवश्यकता है।
इस साल दुर्गा पूजा में कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं की इच्छा पूरी होती दिख रही है जो प्रियंका गांधी को राजनीति में लाने के लिए प्रयासरत थे। सूत्रों पर अगर भरोसा किया जाए तो इस प्रियंका गांधी दुर्गा पूजा के अवसर पर उत्तर प्रदेश की सियासत में पदार्पण करेगी।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को वाराणसी के एक गांव में दलितों के साथ भोजन किया। समरसता भोज नाम के इस कार्यक्रम पर तंज कसते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि संदेश देने के लिए उन्होंने भी मजदूरों के साथ भोजन किया था, लेकिन कभी उनकी जाति नहीं पूछी थी।
चार राज्यों में चुनावी हार का सामना करने वाली कांग्रेस अगले महीने चिंतन शिविर का आयोजन कर सकती है। शिविर का आयोजन या तो पार्टी के शासन वाले हिमाचल प्रदेश या फिर उत्तराखंड में होगा।
जाने-माने ज्योतिषी पंडित अजय भांबी ने नरेंद्र मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के समय की कुंडली के आधार पर भविष्यवाणी की है कि प्रधानमंत्री का बेहतर समय अभी जारी रहेगा और अगले वर्ष में मोदी भारतीय राजनीतिक के क्षितिज पर और चमकते हुए दिखेंगे।
उत्तराखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत उनकी हत्या कराना चाहते हैं। वहीं भट्ट के आरोपों का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि भाजपा नेता मुख्यमंत्री के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाकर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी सरकार को गिराने की अपनी नाकाम साजिश से जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं।
हाल के कुछ सालों में नामी हस्तियों का चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करना बढ़ गया है। यह एक तरह से लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है। नामी हस्तियों के चुनाव में वोट डालने से आम व्यक्तियों को भी प्रेरणा मिलती है।
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने पुत्र संजय गांधी के निधन के बाद चाहती थीं कि उनकी छोटी बहू राजनीति में उनकी मदद करे लेकिन मेनका ऐसे लोगों के साथ थीं जो राजीव के विरोधी थे। हालांकि दिवंगत प्रधानमंत्री का सोनिया के प्रति अनुराग अधिक था लेकिन संजय की मौत के बाद उनका झुकाव मेनका की ओर भी हो गया था।