वर्ष 1971 के युद्ध में लोंगेवाला में पाकिस्तानी सेना की पूरी टैंक ब्रिगेड को भारतीय थलसेना की 23 पंजाब की टुकड़ी ने धूल चटा दी थी। थलसेना ने इस गौरवशाली युद्ध को 45 साल बाद जीवंत कर दिखाया है।
रेडियो के विदेश प्रसारण प्रभाग में कार्यरत जापान में रह रहीं नीलम मलकानिया रेडियो जापान की हिंदी सेवा में कार्यरत हैं।
पंजाब में जन्मीं नीलम दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और हिंदी साहित्य और रंगमंच में स्नातकोत्तर हैं। कॉलेज के समय से पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखती रही हैं। दिल्ली और मुंबई में कई नाटकों के मंचन में मंच पर और मंच-परे सक्रिय भूमिका निभाने वाली नीलम ने रेडियो लेखन में डिप्लोमा किया है। ऑल इंडिया रेडियो के नाट्य एकांश में रांगेय राघव, सत्यजीत रे, रवीन्द्र नाथ ठाकुर की रचनाओं का रेडियो नाट्य रूपांतरण पेश कर चुकीं नीलम 'बी हाई ग्रेड' कलाकार हैं।
चार दशक से अधिक समय तक इंतजार के बाद भारत और बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते का क्रियान्वयन होने के साथ कल से 162 एन्क्लेवों का आदान-प्रदान शुरू करेंगे।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के तीन उपमंडलों में सोमवार रात से भारी बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर हुए भूस्खलन में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लापता हैं। दार्जिलिंग जिले के दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कर्सियांग में 25 स्थानों पर भूस्खलन की खबर है।
एक बुजुर्ग पिता पिछले आठ महीनों से रक्षा मंत्रालय, सेना मुख्यालय के चक्कर काट रहा है। जिंदगी भर पूरे दमखम से सत्ता प्रतिष्ठानों से लड़ने-भिड़ने का रसूख रखने वाले सांवलराम यादव ने प्रण किया है कि वह युद्ध में हताहत हुए अपने बेटे को शहीद का दर्जा दिलवाए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। मामला सिर्फ एक जवान की मौत का नहीं है। इससे जुड़ा हुआ है, उन सैकड़ों जवानों की मौत का मसला जो सियाचिन से लेकर दुर्गम सीमा पर देश के लिए अत्यंत विषम परिस्थितियों में जान गंवा देते हैं। इन जवानों की मौत को आखिरकार शहीद का दर्जा क्यों नहीं मिलता?