Advertisement

Search Result : "सिख-विरोधी दंगा"

84 के दंगों के बाद कांग्रेस को असहिष्णुता पर बोलने का हक नहीं: मोदी

84 के दंगों के बाद कांग्रेस को असहिष्णुता पर बोलने का हक नहीं: मोदी

देश में कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता पर विपक्ष समेत विभिन्न वर्गों की आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया है। उन्‍होंने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद कांग्रेस को असहिष्णुता पर हमें उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है, वे इस विषय पर ड्रामा कर रहे हैं।
मुजफ्फरनगर दंगाः मंत्री समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ वारंट

मुजफ्फरनगर दंगाः मंत्री समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ वारंट

मुजफ्फरनगर दंगे के मामले में अदालत में नहीं पेश होने पर एक स्थानीय अदालत ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान समेत भाजपा के कई नेताओं के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया।
क्‍या गोमाता भी हमें गोभक्‍तों से बचा पाएंगी | नीलाभ मिश्र

क्‍या गोमाता भी हमें गोभक्‍तों से बचा पाएंगी | नीलाभ मिश्र

धर्म या संप्रदाय की स्वनिर्मित अवधारणाओं के आधार पर अस्मिता या राष्ट्रीयता को परिभाषित करने वाली विचारधारात्मक सनक के हाथों भिन्न विचारों और आस्था वाले लोगों के साथ हिंसा और प्रताड़ना के आजादी के बाद से चले आ रहे सिलसिले को देखता हूं तो सोचता हूं, इस देश में कौन सुरक्षित है?
सिख जत्थेबंदियों ने किया मालवा बंद का एलान

सिख जत्थेबंदियों ने किया मालवा बंद का एलान

पंजाब के जिला मोगा समेत समस्त मालवा पट्टी में शुरू हुई हिंसा में अभी तक सौ लोग जख्मी हो चुके हैं। सिख जत्थेबंदियों ने कल मालवा बंद का आह्वान किया है। कोटकपूरे के गांव बुर्ज जवाहर सिंहवाला से शुरू हुई हिंसा मालवा के तमाम जिलों फैल चुकी है। गौरतलब है कि लगभग डेढ़ महीने पहले इस गांव के लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि गांव से सिखों का पवित्र ग्रंथ चोरी हो गया है। इसपर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। विवाद बढ़ते- बढ़ते इस हद तक गया कि उसने हिंसा का रूप ले लिया।
अमेरिका में बुजुर्ग सिख पर बर्बर हमला, लादेन कहकर बुलाया

अमेरिका में बुजुर्ग सिख पर बर्बर हमला, लादेन कहकर बुलाया

अमेरिका में एक बुजुर्ग सिख पर बर्बर हमले का मामला सामने आया है। यह घटना अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों की बरसी से कुछ दिन पहले हुई है। हमले में घायल हुए अमेरिकी सिख को हमलावर ने आतंकवादी और बिन लादेन कहकर पुकारा था।
शांत हो रहा है जमशेदपुर

शांत हो रहा है जमशेदपुर

इस्पात नगर जमशेदपुर में स्थिति सामान्य होने के बाद शनिवार 25 जुलाई को कर्फ्यू हटा लिया गया वहीं दंगा प्रभावित चार थाना क्षेत्रों में सुबह पांच बजे से लेकर शाम आठ बजे तक इसमें ढील दी गई है। एक वरिष्ठ जिला अधिकारी ने बताया कि कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
इंदिरा हत्या: इस सिख नेता पर मामला नहीं चला पाईं थीं थैचर

इंदिरा हत्या: इस सिख नेता पर मामला नहीं चला पाईं थीं थैचर

ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ब्रिटेन में रहने वाले उस सिख अलगाववादी नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना चाहती थीं जिस पर इंदिरा गांधी की हत्या के लिए उकसाने का आरोप था। लेकिन राष्ट्रमंडल नागरिकों के बारे में ब्रिटेन के एक कानून के कारण वह उस सिख को प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध को पूरा नहीं कर पाईं थीं। गुरुवार को सार्वजनिक किए गए गोपनीय दस्तावेजों में यह बात सामने आई है।
आखिरकार डिज्नी ने सिख युवक को कार्यस्थल पर दी धार्मिक स्वीकार्यता

आखिरकार डिज्नी ने सिख युवक को कार्यस्थल पर दी धार्मिक स्वीकार्यता

फ्लोरिडा स्थित वॉल्ट डिज्नी वलर्ड में काम करने वाले अमेरिकी मूल के जिस सिख अमेरिकी कर्मचारी को उसके धार्मिक प्रतीकों के चलते मेहमानों के सामने काम करने से सात साल तक रोककर रखा गया था, उसे एक महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई है। अब कंपनी उसके साथ किए जाने वाले अलगाव को खत्म करने और उसके धार्मिक मतों को स्वीकार करने के लिए राजी हो गई है।
दास्ताने दंगाः औरतों का वाकई घर नहीं होता

दास्ताने दंगाः औरतों का वाकई घर नहीं होता

दंगा कैसा भी हो कहीं का भी हो उसकी सबसे ज्यादा मार औरतों और बच्चों पर पड़ती है। बीती 25 मई को हरियाणा के गांव अताली में फैली सांप्रदायिक हिंसा में भी ऐसा ही हुआ। इतिहास गवाह है कि दंगों की सबसे कमजोर कड़ी महिलाएं रही हैं। इसे देखते हुए अताली गांव के मुसलमान परिवारों ने 25 मई को हुए पहले हमले के फौरन बाद अपनी बहू-बेटियों महफूज ठिकानों पर भेज दिया। अताली में 4 जुलाई हुए दूसरे हमले में मुसलमान घरों में जवान बहू-बेटियां नहीं थीं।
दास्ताने दंगाः ‘अताली को, मुजफ्फरनगर नहीं बनने देंगे’

दास्ताने दंगाः ‘अताली को, मुजफ्फरनगर नहीं बनने देंगे’

मैंने मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक दंगों की कवरेज भी की थी। अताली (बल्लभगढ़-हरियाणा) के सांप्रदायिक दंगों और मुजफ्फरनगर के दंगों में बहुत सी समानताएं पाईं लेकिन असमानता है तो सिर्फ एक। वह यह है कि अताली के 150 से ज्यादा गांव छोड़ने वाले मुसलमानों का कहना है, ‘ इसे मुजफ्फरनगर नहीं बनने देंगे, यह अताली है अताली, गांव हमारा था, हमारा है, हम वहां जाएंगे। इंशाल्ला हो सका तो ईद गांव में होगी।’