विदेशी मुद्रा भंडार में 11 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 2.36 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। इससे पूर्व दो सप्ताह के दौरान इसमें कुल 6.322 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 64 फाइलों को उनके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में सार्वजनिक कर दिया है। इसके साथ ही उनकी मौत को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। कहा जा रहा है कि सार्वजनिक हुई इन फाइलों से नेताजी के सन 1945 के बाद भी जिंदा होने के संकेत मिलते हैं।
बिजनौर स्थित सर्व यूपी ग्रामीण बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि उसके बैंक के पासवर्ड हैक कर सस्पेंस एकाउंट से एक करोड़ 39 लाख रुपये तीन खातों में ट्रांसफर कर दिए गए। इसी तरह की एक घटना बिहार में भी कुछ दिन पहले हो चुकी है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज एेलान किया कि राज्य के गृह विभाग के पास रखी नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलें अगले शुक्रवार से सार्वजनिक की जाएंगी।
पाकिस्तान ने आतंकवादियों और उन्हें धन उपलब्ध कराने वालों के बीच के संबंध को तोड़ने की कोशिश के तहत 200 से ज्यादा अपंजीकृत मदरसों के बैंक खातों के लेन देन पर रोक लगा दी है।
रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने नीतिगत दर में कटौती का संकेत देते हुए कहा है कि केंद्रीय बैंक अभी भी समायोजन के दौर में है और मुद्रास्फीति तथा वृहद आर्थिक आंकड़ों के आधार पर आगे निर्णय करेगा।
खस्ताहाल प्रशासन वाले राज्य भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने और भोजन का अधिकार अधिनियम को क्रियान्वित करने में सक्षम हैं- मध्यप्रदेश इसका नवीनतम उदाहरण है।
सरकारी बैंक भारी डूबत कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष तक उनका सकल एनपीए 2.67 लाख करोड़ रुपये था जो पूरे बैंकिंग उद्योग के एनपीए का 86 प्रतिशत बैठता है।
जानी-मानी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन, आरआईएल और आइडिया जैसी 11 कंपनियों को भारतीय रिजर्व बैंक ने सैद्धांतिक रूप से बैंक लाइसेंस दे दिया है। यह फैसला देश के लाखों नागरिकों को औपचारिक बैंकिंग पद्धति से बैंक भुगतान की सुविधा देने के मकसद से किया गया है।
टोल वसूली के खिलाफ यूं तो देश के कई हिस्सों में छोटे-बड़े धरने-प्रदर्शन और आंदोलन होते रहते हैं, लेकिन अनुचित तरीके से टोल वसूली के खिलाफ राजस्थान में चली कानूनी मुहिम पूरे देश के लिए नजीर बन सकती है। यह मामला बताता है कि कैसे सरकारी मिलीभगत के जरिये एक स्टेट हाईवे पर टोल (चुंगी) वसूली 6 साल 7 महीने के लिए बढ़ाकर सिर्फ एक-दो करोड़ रुपये के निर्माण के लिए करीब 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त चुंगी वसूलने का फैसला किया गया।