वित्त मंत्री अरुण जेटली की संपत्ति वित्त वर्ष 2015-16 में 2.83 करोड़ रुपये कम हो गई। बैंक खाते में नकदी कम होने से उनकी संपत्ति 68.41 करोड़ रुपये रह गई।
स्विट्जरलैंड की बैंकिंग प्रणाली की गोपनीयता के खिलाफ वैश्विक स्तर पर चल रहे अभियान के बीच स्विस बैंकाें में भारतीयों की जमा राशि करीब एक-तिहाई यानी 33 प्रतिशत घटकर 1.2 अरब फ्रैंक :करीब 8,392 करोड़ रुपये: रह गई है।
भारतीय मूल के एक अमेरिकी भौतिकविद ने प्रकृति के मूल नियमों की जानकारी को आगे बढ़ाने के प्रति समर्पित एक केंद्र स्थापित करने के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय को 1.1 करोड़ डॉलर की राशि दान में दी है।
आयकर विभाग ने वैश्विक स्तर पर हुए खुलासे के बाद भारतीयों की विदेशों में रखी संपत्ति के बारे में जांच से 13,000 करोड़ रुपये के कालेधन का पता लगाने का दावा किया है। विभाग ने करीब दो सौ इकाइयों के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई शुरू की है।
प्रवर्तन निदेशालय ने वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी और उनकी पत्नी वाई. एस. भारती रेड्डी की धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में 749 . 10 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया है।
महाराष्ट्र के ठाणे में एटीएम में नकदी डालने का काम करने वाली कंपनी के दफ्तर को करीब आठ लुटेरों ने कथित तौर लूट लिया और तकरीबन 12 करोड़ रूपये लेकर चंपत हो गए।
मोहम्मद शमी के मैच में सात विकेट की बदौलत मोहन बागान ने गुलाबी गेंद से भारत में दूधिया रोशनी में खेले गए पहले चार दिवसीय क्रिकेट मैच में मंगलवार को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भवानीपुर क्लब को 296 रन से हरा दिया।
सरकार से अनुदान के तौर पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा रकम और विदेशों से 10 लाख रुपये से अधिक दान प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) अब लोकपाल के दायरे में आएंगे। नए नियमों के तहत, इस तरह के एनजीओ के पदाधिकारियों को लोक सेवक माना जाएगा और अनियमितताओं के मामले में भ्रष्टाचार-रोधी कानून के तहत इन पर मामला चलाया जाएगा।
अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के बीच उद्योग मण्डल एसोचैम के एक ताजा सर्वे के मुताबिक सेहतमंद रहने के लिये योग जैसी प्राचीन पद्धति को अपनाने वालों की संख्या में 30 प्रतिशत की उत्साहजनक बढ़ोतरी हुई है। देश में अनुमान के तौर पर करीब चार करोड़ लोग योगाभ्यास करते हैं। योग की आदत ने एक अच्छा खासा बाजार भी तैयार किया है। आजकल लोग लगभग एक हजार करोड़ रुपये के विशेष वस्त्र, बिछावन, तौलिये और अन्य साजोसामान का इस्तेमाल कर रहे हैं।
तीन साल पहले 16 जून की रात केदारनाथ में हुई भारी जल प्रलय के निशान अब मिटने लगे हैं। केदारनाथ मंदिर के पास शांत बह रही मंदाकिनी के नवनिर्मित किनारे श्रद़धालुओं में शायद यही संदेश दे रहे हैं, कि जख्म कितना भी घातक हो, वक्त सबसे बड़ा मरहम होता है। प्रलयंकारी उफान में 11,755 फुट की उंचाई पर स्थित हिमालयी धाम के डूबने के साथ ही देश भर से आये श्रद़धालु, पुजारी, व्यापारी और स्थानीय लोगों सहित करीब 5000 जिंदगियां बह गई थीं। रह गयी थी बस चीख और पुकार तथा अपनों का क्रंदन। उस मातमी माहौल को केदारनाथ की महिमा ने पीछे कर दिया है।