फिल्म स्टार ऋषि कपूर ने विवादों में घिरी राधे मां के बारे ट्वीट क्या किया उसके बाद तो सोशल मीडिया पर एक के बाद एक ट्वीट आने लगे। लोग राधे मां के विविध रूप को लेकर चुटकी ले रहे हैं। वहीं ऋषि कपूर ने लिखा कि राधे मां के फोटो पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि लिपिस्टक और गहने देखकर बिना चश्मे के मेरे मित्र बप्पी लहरी की याद आ गई।
नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से पत्रकारों को रक्षा, गृह, विदेश, वित्त मंत्रालय के बाद अब संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन में भी जाने पर मौखिक आदेश के जरिये प्रतिबंध लगा दिया गया है। पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी इन मंत्रालयों में जाने पर सुरक्षाकर्मी तभी अंदर जाने देते हैं जब अधिकारी चाहें।
30 जुलाई को दो बहुचर्चित जनाजे निकले। एक खुले समुंदर के पास रामेश्वरम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ, तिरंगे में लिपटा। दूसरा, नागपुर केंद्रीय कारावास की कालकोठरी से निकाल फंदे पर झुला कर कब्रिस्तान के लिए रुखसत किया गया। एक सिंहासन चढ़ि चला तो एक बंधा जंजीर। काल की दो लीलाएं। मृत्यु के दो थिएटर। लेकिन एक ही देश के दो नागरिक, एक ही मजहब के दो लोग। हालांकि मृत्यु पूर्व जीवन के दो अलग-अलग रंगमंच। अब्दुल कलाम अपने रंगमंच पर भारतीय राज्य प्रतिष्ठान के हीरो और याकूब मेमन भारतीय राज्य प्रतिष्ठान का मुजरिम तो मुजरिम, विलेन भी। पहले को मौत के बाद भी मुख्यधारा जनमानस और सूचना-प्रचार तंत्र से ‘अमर रहे’ और ‘जिंदाबाद’ की विदाई। दूसरे के लिए मौत के पहले ही उसी मानस और तंत्र से ‘फांसी दो, फांसी दो’ तथा ‘मुर्दाबाद’ की गूंज जिसके आगे न्यायपालिका भी नतमस्तक हो गई।
गुरदासपुर जिले के एक पुलिस थाने में घुसे सशस्त्र उग्रवादियों ने कल सात व्यक्तियों को मार डाला था। इनमें चार नागरिक और बलजीत सिंह सहित तीन पुलिसकर्मी शामिल थे। इनकी मौत से सदमे मे आए परिवार के लोग अब सरकार से खफा हैं।
विदेश जाने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को संबंधित अधिकारियों द्वारा अनुरोध प्राप्त करने के 21 दिन के भीतर अपने फैसले की सूचना देना जरूरी है अन्यथा यह मान लिया जाएगा कि अनुमति दे दी गई है।
शासन-प्रशासन की खामियों को छिपाने के लिए यूं तो सरकारें गाहे-बगाहे प्रयास करती रहती हैं मगर ऐसा प्रयास दबे-छिपे ही किया जाता रहा है। कभी किसी सरकार ने शासन की खबरों को मीडिया तक पहुंचने के लिए ऐसा रास्ता नहीं अपनाया कि सरकारी विभागों में मीडिया को ही एक तरह से बैन कर दिया जाए।
पंजाब इंप्लॉय स्टेट इंश्योरेंस निगम (ईएसआई) अस्पतालों में अब आम लोग और सरकारी अस्पतालों में ईएसआई लाभपात्री इलाज करवा सकेंगे। इस योजना को पंजाब भर में लागू किया गया है।