कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ एजुकेशन एक्सीलेंस (सीईई) दिल्ली में शिक्षा सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है। रोहिणी स्थित होटल क्राउन प्लाजा में 3 सितम्बर 2016 को "इण्डियन फिलोस्फिकल फाउंडेशन फॉर मॉडर्न एजुकेशन" पर ‘‘क्वालिटी ऑफ़ एजुकेशन’’ पर केन्द्रित सेमिनार आयोजित किया जाएगा। यहां ईसीओएनएस के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में अपनी खोई पैैठ बढ़ाने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास कर रही है। अंबेडकर की विचारधारा को ध्यान में रखते हुए दलित समाज को अपने से जोड़ने के लिए पार्टी ने भीम ज्योति यात्रा का पिछले साल सफल आयोजन किया। अब वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त को भीम भोज का आयोजन करेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने ताजा चुनावी सर्वेक्षण में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप पर नौ अंकों की बढ़त कायम कर ली है।
इसी सप्ताह मंगोलिया में हो रहे ग्यारहवें आसेम सम्मेलन में आतंकवाद समेत विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे।
विश्व के जानेमाने भौतिकशास्त्रियों में से एक स्टीफन हॉकिंग पूरे ज्ञात ब्रह्मांड का मानचित्र तैयार करने की योजना की घोषणा करने वाले हैं। हॉकिंग यह मानचित्र उस सुपरकम्प्युटर का इस्तेमाल करके तैयार करेंगे जिसे उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में स्थापित किया था।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को वाराणसी के एक गांव में दलितों के साथ भोजन किया। समरसता भोज नाम के इस कार्यक्रम पर तंज कसते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि संदेश देने के लिए उन्होंने भी मजदूरों के साथ भोजन किया था, लेकिन कभी उनकी जाति नहीं पूछी थी।
भाजपा समाज के सभी वर्गों का समर्थन हासिल करने के लिए तरह तरह के जुगत लगा रही है। उसे लगता है कि सवर्ण उसके साथ हैं। लिहाजा वह पिछड़ी जाति पर अब डोरे डाल रही है। उज्जैन में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने दलित साधुओं के साथ कुंभ स्नान किया और संतों के साथ भोजन किया।
वह जमाना गया जब कहा जाता था कि ‘जात न पूछो साधु की’। इस बार सिंहस्थ कुंभ के अवसर पर पवित्र क्षिप्रा में भाजपा नेताओं-मुख्यमंत्री और साधुओं ने ‘दलित’ कोटे के तहत वाल्मीकी घाट पर स्नान किया। वैसे यह समरसता का स्नान था, लेकिन अन्य साधु-संतों और भक्त जनता को बता दिया गया कि दलित साधु-संत की अपनी महत्ता है।