सलमान के समर्थकों को नशे की हालत में लोगों को कुचलने वाले स्टार की 'मानवता' तो दिखाई पड़ती है लेकिन गरीब फालतू नजर आते हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि हम इसी सोच के साथ 'स्मार्ट सिटी' का स्वप्न देख रहे हैंं।
ऐसा लगता है कि मोदी सरकार का पहला साल कारोबारी जगत को रास नहीं आ रहा। तभी तो शेयर बाजार लगातार बेजार होता जा रहा है और सेंसेक्स पिछले चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
कनाडा हिंदू सोसाइटी, मोर्रिस्विल्ले के सांस्कृतिक भवन के प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति और हिंदी विकास मंडल के तत्त्वाधान में कवि- सम्मलेन का आयोजन हुआ। कवि सम्मलेन में बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित हुए।
कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों से कोषों एवं निवेशकों द्वारा चुनिंदा शेयरों की बिकवाली बढ़ाये जाने से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज शुरआती कारोबार में 139 अंक कमजोर रहा है।
बेशक विकास के लिए भूमि जरूरी है। देश को ज्यादा से ज्यादा उद्योगों, सड़कों, बिजली, रेल, अस्पतालों, स्कूलों और मकानों की जरूरत है। लिहाजा, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होनी चाहिए। जिनसे जमीन ली जाए उन्हें उचित मुआवजा और विकास में हिस्सेदारी मिलनी ही चाहिए। लेकिन क्या मोदी सरकार की ओर से लाया जा रहा भूमि अधिग्रहण विधेयक, 2015 इस मामले में खरा उतरता है? वास्तव में नहीं।
विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने 10 शहरों में प्रदूषण स्तर की निगरानी करने के लिए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक की शुरुआत की। उन्होंने कहा, ‘प्रदूषण स्तर पर हमारा योगदान दुनिया में सबसे कम है लेकिन हमें पर्यावरण संरक्षण पर भाषण देने वाले लोग स्वच्छ उर्जा के लिए आवश्यक परमाणु ईंधन देने से हमें इनकार कर देते हैं।’
भाजपा सरकार आने के बाद पहले जजों की नियुक्ति का कानून बदला गया, फिर आई न्यायपालिका को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नसीहत। इन दोनों बातों ने बरबस चार दशक पहले के भारतीय इतिहास के घाव हरे कर दिए।
विदेश मंत्रालय ने 1986 बैच के आइएफएस अफसर विकास स्वरूप को नया प्रवक्ता नियुक्त किया है। वह अकबरूद्दीन का स्थान लेंगे। इलाहबाद विश्वविद्यालय से स्नातक स्वरूप क्यू एंड ए किताब से खासे चर्चित रहे हैं
राजनीतिक दुश्मनी छोड़ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिला ही लिया। इससे पहले बिहार में राजनीतिक समीकरण के चलते नीतीश मोदी से मिलना नहीं चाहते थे। 34 महीनों बाद मोदी और नीतीश की मुलाकात में बिहार के विकास को लेकर चर्चाएं हुई।