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आधार मामला: वृहद पीठ पर फैसला कल तक

आधार मामला: वृहद पीठ पर फैसला कल तक

उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र और सेबी तथा आरबीआई जैसी संस्थाओं को भरोसा दिया कि आधार कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ पीडीएस और एलपीजी योजनाओं तक सीमित करने के पूर्व के आदेश में संशोधन के लिए वृहद पीठ गठित करने की मांग करती याचिका पर कल शाम तक फैसला किया जाएगा।
आजादी विशेष | मत बोल कि जुबां है बंदिश में तेरी

आजादी विशेष | मत बोल कि जुबां है बंदिश में तेरी

अभिव्यक्ति की आजादी के लिए यह वर्ष नाटकीय रहा है। यह इंडियाज डॉटर पर सेंसरशिप से लेकर श्रेया सिंघल फैसले के उत्साह और फिर गुपचुप तरीके से इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी को ब्लॉक करने की सरकारी कोशिश के बीच झूलता रहा। हालांकि हर घटना ने अलग-अलग नाराजगी पैदा की मगर सच यही है कि ये सभी जुड़ी हुई हैं। ये सभी अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे को दूर रखने वाले संवैधानिक सुरक्षा उपायों में मौजूद खामियों को बताने वाले चेतावनी संकेत हैं।
आधार पर केंद्र के सवाल बड़ी पीठ को भेजें या नहीं, फैसला मंगल को

आधार पर केंद्र के सवाल बड़ी पीठ को भेजें या नहीं, फैसला मंगल को

उच्चतम न्यायालय ने सरकार की सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपने के केंद्र के आग्रह पर आज सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय इस पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि वह इस बारे में निर्णय करेगी कि केंद्र द्वारा उठाए गए सवालों को वृहद पीठ को भेजा जा सकता है या नहीं।
दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
एनजेएसी मुद्दा: अभी कोई संवैधानिक संकट नहीं

एनजेएसी मुद्दा: अभी कोई संवैधानिक संकट नहीं

राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के दो महत्वपूर्ण सदस्यों को चुनने वाली कमेटी में शामिल होने से प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू के इनकार से इस आयोग के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान उठने लगे हैं और कुछ लोग इसे संवैधानिक संकट भी करार देने लेगे हैं मगर कानून के जानकार ऐसा नहीं मानते।
ज्यादा मजबूत चुनाव आयोग के पक्ष में है विधि आयोग

ज्यादा मजबूत चुनाव आयोग के पक्ष में है विधि आयोग

विधि आयोग ने ज्यादा मजबूत चुनाव आयोग की वकालत की है जिसमें उसके सभी सदस्यों को समान संवैधानिक सुरक्षा हासिल हो और मुख्य चुनाव आयुक्त एवं दो चुनाव आयुक्तों का चयन उच्च शक्ति प्राप्त चयन मंडल करे।
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