राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जब इस साल और अगले साल कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार कर रहा था तब सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य बिठाने वाला एक ही नाम सामने आया और वह नाम है अमित शाह का। आउटलुक ने शाह के दूसरी बार अध्यक्ष बनने से ही पहले ही इस बात का खुलासा किया था कि अमित शाह के खिलाफ कोई भी नामांकन नहीं करेगा। मतलब अमित शाह का अध्यक्ष बनना तय था।
पठानकोट आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सलविंदर सिंह को संदेह मुक्त घोषित कर दिया है। एनआईए का कहना है कि सिंह के लाई डिटेक्टर टेस्ट और अन्य जांचों में उनके खिलाफ कुछ भी प्रतिकूल नहीं मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया उद्यम शुरू करने वाले स्टार्टअप कारोबारियों के लिए आज कई अहम घोषणाएं की। शनिवार को स्टार्टअप उद्यमियों के पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम ने स्टार्टअप को तीन साल की आयकर छूट के साथ ही उद्यम पूंजी निवेश पर पूंजीगत लाभकर से छूट, इंस्पेक्टर राज मुक्त परिवेश के अलावा वित्तपोषण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने सहित कई तरह के प्रोत्साहन देने की घोषणा की।
पश्चिम बंगाल में मालदा में हुए हिंसा को लेकर प्रदेश भाजपा और संघ के प्रमुख नेताओं की दो दिवसीय बैठक कोलकाता में हो रही है। जिसमें मालदा में हुई हिंसा को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा भर से बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिज्ञों का एक वर्ग छद्म आक्रोश व्यक्त करने लगता है। ऐसा ही तब हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को दोहराया। फिर क्या था। संघ पर सांप्रदायिकता, ध्रुवीकरण, न्यायालय की अवहेलना जैसे आरोप मढ़ दिए गए।
महाराष्ट्र के जलगांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष रणनीतिकारों के अलावा संघ से जुड़े आनुषंगिक संगठनों की जब बैठक हो रही थी तो सभी की चिंता भारतीय जनता पार्टी के अंदर उभरे आंतरिक मतभेद को लेकर थी। लेकिन इन चिंताओं से बेखबर संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक ही शब्द सब पर भारी पड़ गया कि अपना काम करो चिंता मत करो।
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी रहे भाजपा नेता संजय जोशी ने सरकार के कामकाज की तारीफ क्या की पार्टी में उनका कद बढ़ गया है। पार्टी के अंदर इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि अब जल्द ही जोशी को बड़ा जिम्मेदारी मिल सकती है।
भाजपा के पूर्व महासचिव संजय जोशी के लखनऊ पहुंचते ही सरगर्मी तेज हो गई कि अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोई महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है। हालांकि जोशी युवा दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं।