शुक्रवार की शाम सुरक्षा बलों और प्रदर्शकारियों के बीच हुए संघर्षों में एक किशोर की मौत के बाद आज श्रीनगर के हरवां इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया जबकि ग्रीष्मकालीन राजधानी के कुछ हिस्सों और कश्मीर के दो शहरों में अब भी कुछ प्रतिबंध जारी है।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में शुक्रवार को एक लड़की से कथित रूप से छेड़छाड़ के बाद दो पक्षों में हिंसक संघर्ष और गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हो गए। इस संबंध में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
पिछले 26 सालों में पहली बार बकरीद के मौके पर कश्मीर घाटी के सभी 10 जिलों में आज कर्फ्यू लगाया गया। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच ताजा संघर्षों में दो युवक की मौत होने के बाद अधिकारियों ने घाटी के सभी जिलों में कर्फ्यू लगा दिया।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि राज्य के साथ ही केंद्र की सेवाओं में समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर वे संसद का अगला सत्र शुरू होने पर अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।
कश्मीर घाटी में पिछले दो माह से जारी हिंसा की घटनाओं में कुछ कमी आने के बाद एक बार फिर से झड़प का सिलसिला शुरू हो गया है। शनिवार को दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच ताजा संघर्ष में दो युवकों की मौत होने के साथ ही घाटी में मरने वालों की संख्या 75 हो गई।
बलूचिस्तान के एक शीर्ष नेता ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सुरक्षाबल बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का भीषण उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन में भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की मांग भी की है।
भोपाल में यूं तो इसे संघ और पार्टी की सामान्य समन्वय बैठक कहा जा रहा है मगर दरअसल इसमें कहीं ज्यादा गंभीर विषयों पर विचार किया गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक में संघ के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी एवं सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात के मंत्रियों और सरकारों के कामकाज के अलावा सत्ता-संगठन से जु़ड़े कई मुद्दों की समीक्षा की।
कश्मीर में पुलवामा जिले के ख्रिव में तलाशी अभियान का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों एवं सुरक्षा बलों के बीच संघर्षों में एक लेक्चरर की मौत हो गई और 18 अन्य लोग घायल हो गए। कश्मीर घाटी में पिछले 41 दिन से कर्फ्यू और प्रतिबंध जारी है।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने 16 साल बाद मंगलवार को रोते हुए अपनी भूख हड़ताल खत्म की। इस अवसर पर बेहद भावुक इरोम ने कहा कि अब वह अपने संघर्ष की रणनीति में बदलाव करते हुए राजनीति में उतरना चाहती हैं।